गौहाटी हाईकोर्ट ने असम सरकार को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है कि उसने होजई और बिश्वनाथ जिलों को चार सप्ताह के भीतर क्यों भंग कर दिया।
याचिकाकर्ताओं के वकील शांतनु बोरठाकुर ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मुख्य न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायमूर्ति करदक एते की खंडपीठ ने दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया और राज्य सरकार से चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने को कहा।
31 दिसंबर को असम कैबिनेट ने बिश्वनाथ को सोनितपुर में विलय करने का फैसला किया था। इसके साथ ही नागांव के साथ होजई, बक्सा के साथ तमुलपुर और बारपेटा के साथ बजाली को भी मिला दिया गया।
चुनाव आयोग द्वारा 1 जनवरी, 2023 से असम में नई प्रशासनिक इकाइयाँ बनाने पर प्रतिबंध लगाने के एक दिन पहले जिलों में शामिल होने का निर्णय लिया गया था, क्योंकि चुनाव आयोग ने राज्य में परिसीमन अभ्यास किया था।
नई दिल्ली में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में कुछ गांवों और कुछ कस्बों के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र में भी बदलाव किया गया।