एक महत्वपूर्ण न्यायिक घटनाक्रम में, मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को डिंडिगुल जिले की विशेष अदालत को निर्देश दिया कि वह तमिलनाडु के मंत्री आई. पेरियासामी और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आय से अधिक ₹2.1 करोड़ की संपत्ति अर्जित करने के आरोपों में आरोप तय करे। न्यायमूर्ति पी. वेलमुरुगन का यह आदेश सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (DVAC) द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिकाओं पर आया, जिसमें पेरियासामी और उनके परिजनों को बरी करने के विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी।
इस आदेश के तहत विशेष अदालत के उस पूर्व निर्णय को पलट दिया गया है, जिसमें सबूतों के अभाव में पेरियासामी, उनकी पत्नी पी. सुसीला और उनके बेटों पी. सेंतिलकुमार और पी. प्रभु को आरोपमुक्त कर दिया गया था। DVAC द्वारा की गई चुनौती के चलते मामला फिर से न्यायिक प्रक्रिया के दायरे में आया, जिसमें 2006 से 2010 के बीच मंत्री रहते हुए पेरियासामी द्वारा अर्जित संपत्ति में अनियमितताओं को उजागर किया गया।
न्यायमूर्ति वेलमुरुगन ने अपने आदेश में तथ्यों की शीघ्र और गहन जांच की आवश्यकता पर बल दिया और निर्देश दिया कि मुकदमे की सुनवाई प्रतिदिन की जाए और छह माह के भीतर इसे पूरा किया जाए। सार्वजनिक पदधारकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने इस मामले में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने का संकेत दिया है।