एक महत्वपूर्ण फैसले में, बेंगलुरु की एक विशेष सीबीआई अदालत ने सिंडिकेट बैंक के एक पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक और चार अन्य को बैंक से 62.3 लाख रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। दोषियों की पहचान बैंक के पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक जी सत्य बाबू के साथ-साथ भारती एस, नलिनाक्षी, एस रमेश और प्रिंस नेशान के रूप में की गई है, जिन्हें बैंक धोखाधड़ी मामले में 62.3 लाख रुपये का संयुक्त जुर्माना देने का भी आदेश दिया गया था।
मामला, जो 29 फरवरी, 2016 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा बेंगलुरु में सिंडिकेट बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय की एक शिकायत के बाद शुरू किया गया था। शिकायत में जी सत्य बाबू, जो उस समय बैंक की जलाहल्ली शाखा में वरिष्ठ प्रबंधक के रूप में कार्यरत थे, और अन्य पर बैंक को वित्तीय नुकसान पहुंचाने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था।
मामले की जांच आरोपियों के खिलाफ दो आरोपपत्र दाखिल करने के साथ समाप्त हुई, जिसके परिणामस्वरूप हालिया सजाएं हुईं। जांच से पता चला कि सत्यबाबू अन्य दोषियों के साथ मिलकर कर्जदारों के साथ आपराधिक साजिश में शामिल थे। उन्होंने फर्जी कोटेशन के आधार पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) योजना के तहत विभिन्न ऋण स्वीकृत किए, जिससे बैंक के साथ बड़ी रकम की धोखाधड़ी हुई।