बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने शनिवार को पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को एक 47 वर्षीय घरेलू सहायिका के साथ बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के पोते और हसन से लोकसभा के पूर्व सदस्य हैं।
इससे एक दिन पहले, शुक्रवार को विशेष अदालत के न्यायाधीश संतोष गजानन भट ने उन्हें बलात्कार, यौन उत्पीड़न, निगरानी (voyeurism), साक्ष्य नष्ट करने और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत दोषी करार दिया था।
आठ सप्ताह में पूरा हुआ ट्रायल
इस मामले में ट्रायल महज आठ हफ्तों में पूरा हो गया। रेवन्ना की गिरफ्तारी के करीब 14 महीने बाद यह फैसला आया है। विशेष जांच दल (SIT) ने पांच खंडों में 1800 पन्नों की रिपोर्ट अदालत में पेश की थी। अभियोजन पक्ष ने 38 सुनवाइयों में 26 गवाहों से जिरह की और 180 दस्तावेजों को साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया।

कोर्ट में फूट-फूटकर रोए, मांगी रहम
शनिवार को सजा सुनाए जाने से पहले रेवन्ना कोर्ट में फूट-फूटकर रो पड़े और कम सजा देने की गुहार लगाई। लेकिन कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए उनकी अपील ठुकरा दी और अधिकतम सजा सुनाई।
वीडियो लीक के बाद जर्मनी भागे थे
2024 में रेवन्ना उस समय विवादों में आए जब हासन में सैकड़ों पेन ड्राइव कथित रूप से आपत्तिजनक वीडियो के साथ सामने आईं। इसके कुछ ही समय बाद वे जर्मनी चले गए। चुनाव के बाद भारत लौटने पर उन्हें 31 मई को बेंगलुरु हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया।
जिस महिला ने यह मामला दर्ज कराया, उसे अप्रैल 2024 में मैसूरु के पास एक फार्महाउस से बचाया गया था। महिला ने आरोप लगाया कि उसे रेवन्ना के परिवार के कहने पर अगवा किया गया ताकि वह शिकायत दर्ज न करा सके।
अन्य तीन मामलों में भी ट्रायल लंबित
यह मामला प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ चल रहे चार आपराधिक मामलों में से पहला है जिसमें फैसला आया है। शेष तीन मामलों में भी उन पर यौन उत्पीड़न से जुड़े आरोप हैं जो इसी SIT जांच से जुड़े हैं।
इस फैसले के साथ ही रेवन्ना देश के उन चुनिंदा जनप्रतिनिधियों में शामिल हो गए हैं जिन्हें बलात्कार और आईटी अधिनियम जैसे संगीन अपराधों में दोषी ठहराकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।