कलकत्ता हाईकोर्ट ने उम्मीदवारों के नामांकन की जांच प्रक्रिया को ठहराया उचित, चुनाव आयोग की व्यवस्था को बताया संतुलित

हाल ही में दिए गए एक अहम फैसले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों के नामांकन की जांच को लेकर भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया को पर्याप्त और संतुलित करार दिया है। यह निर्णय एक जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई के दौरान आया, जिसमें मौजूदा जांच व्यवस्था को बदलने की मांग की गई थी।

मुख्य न्यायाधीश टी. एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति चैताली चटर्जी (दास) की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि मौजूदा तंत्र निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र के तहत पर्याप्त है। अदालत ने यह भी कहा कि किसी नई प्रक्रिया को लागू करने का निर्देश देना विधायी कार्य जैसा होगा, जो संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालय को कुछ विशेष प्रकार की रिट जारी करने का अधिकार देता है।

अदालत ने निर्वाचन आयोग के इस रुख से सहमति जताई कि यदि कोई शिकायत उपयुक्त रूप में प्राप्त होती है, तो उसकी जांच अवश्य की जाती है। यह टिप्पणी उस संदर्भ में आई, जिसमें याचिकाकर्ता ने आशंका जताई थी कि कुछ विदेशी नागरिक अवैध रूप से भारतीय नागरिकता प्राप्त कर चुनाव में भाग ले सकते हैं। याचिकाकर्ता का तर्क था कि उम्मीदवार की नागरिकता की गहन जांच करना आयोग की जिम्मेदारी है।

READ ALSO  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या के आरोपी को यह देखते हुए ज़मानत दी कि उसे अभियोजन पक्ष के गवाह के आधार पर सरसरी तौर पर समन किया गया था: इलाहाबाद हाईकोर्ट

हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि वह आयोग को नई प्रक्रिया अपनाने का निर्देश नहीं दे सकती, लेकिन किसी भी नागरिक को किसी उम्मीदवार के नामांकन को चुनौती देने का अधिकार है। साथ ही यह भी दोहराया गया कि जब कोई उम्मीदवार नामांकन दाखिल करता है और चुनाव की अधिसूचना जारी होती है, तो निर्वाचन आयोग द्वारा आवश्यक सत्यापन की प्रक्रिया अपनाई जाती है।

READ ALSO  वक़्फ़ बोर्ड में मुस्लिम बार काउंसिल सदस्य का कार्यकाल बार काउंसिल की सदस्यता के साथ समाप्त होगा: सुप्रीम कोर्ट
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles