दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के चार आतंकियों को 2012 के एक मामले में देश भर में आतंकवादी हमलों को अंजाम देकर सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश रचने का दोषी ठहराया।
विशेष न्यायाधीश शैलेन्द्र मलिक ने आरोपियों – दानिश अंसारी, आफताब आलम, इमरान खान और ओबैद-उर-रहमान को आईपीसी की विभिन्न धाराओं और कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया।
अदालत ने यह कहते हुए आदेश पारित किया कि आरोपी व्यक्तियों ने 7 जुलाई को अपना दोष स्वीकार कर लिया था।
एनआईए ने सितंबर 2012 में आईपीसी की धारा 121ए (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश) और 123 (युद्ध छेड़ने की योजना को सुविधाजनक बनाने के इरादे से छिपाना) के तहत मामला दर्ज किया था।
उन पर धारा 17 (आतंकवादी कृत्य के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकी कृत्य करने की साजिश), 18ए (आतंकवादी शिविरों का आयोजन), 18बी (आतंकवादी कृत्य के लिए व्यक्तियों की भर्ती) और 20 (आतंकवादी संगठन का सदस्य होना) के तहत भी आरोप लगाए गए। यूएपीए.