दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को बॉलीवुड अभिनेता आर. माधवन के व्यक्तित्व अधिकारों को लेकर अहम हस्तक्षेप करते हुए कई वेबसाइटों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को उनके नाम, तस्वीरों और पहचान के व्यावसायिक इस्तेमाल से रोक दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बिना सहमति इस तरह का इस्तेमाल कानूनन स्वीकार्य नहीं है।
न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए उन प्रतिवादियों को भी प्रतिबंधित किया, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीपफेक तकनीक के जरिए माधवन की शक्ल, आवाज या व्यक्तित्व से जुड़ा कंटेंट बना रहे थे। इसके साथ ही इंटरनेट पर मौजूद कुछ आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के निर्देश भी दिए गए। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में विस्तृत अंतरिम आदेश बाद में जारी किया जाएगा।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी दर्ज किया कि कुछ प्रतिवादियों के खिलाफ अवैध तरीके से सामान बेचने को लेकर निषेधाज्ञा जारी की जा रही है, जबकि एक अन्य प्रतिवादी के खिलाफ अश्लीलता के आधार पर रोक लगाई गई है।
अभिनेता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता स्वाति सुकुमार ने कोर्ट को बताया कि एक प्रतिवादी ने Kesari 3 नाम की एक फर्जी फिल्म का ट्रेलर तैयार किया था, जिसमें यह दिखाने की कोशिश की गई कि यह फिल्म जल्द रिलीज होने वाली है और उसमें माधवन की भूमिका है। यह ट्रेलर और अन्य सामग्री एआई और डीपफेक तकनीक के जरिए बनाई गई थी, जिससे आम दर्शकों को गुमराह किया जा रहा था।
कोर्ट को यह भी बताया गया कि मुकदमा दायर करने से पहले अभिनेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से इस तरह की सामग्री हटाने का अनुरोध किया था, लेकिन उसके बावजूद उल्लंघन जारी रहा।

