दिल्ली हाईकोर्ट ने देशभर में संचालित हो रहे पांच रेस्तरां और फूड डिलीवरी जॉइंट्स को प्रसिद्ध रेस्टोरेंट चेन “वीरजी मलाई चाप वाले” के ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने से रोकते हुए उनके खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा जारी की है। अदालत ने इस ट्रेडमार्क उल्लंघन मामले में वादी को 5 लाख रुपये का हर्जाना और कानूनी लागत भी प्रदान की।
न्यायमूर्ति अमित बंसल ने 8 जुलाई को पारित आदेश में कहा कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरिद्वार और रायपुर में चल रहे ये फूड जॉइंट्स—जो जोमैटो और स्विगी जैसे प्लेटफॉर्म्स पर भी सूचीबद्ध थे—“वीर जी मलाई चाप वाले”, “द वीर जी मलाई चाप वाले” और “वीरे दी मलाई चाप एंड कथी कबाब” जैसे नामों का उपयोग कर रहे थे, जो वादी के पंजीकृत ट्रेडमार्क “वीरजी” से समान या भ्रम पैदा करने वाले थे।
अदालत ने पाया कि दिसंबर 2023 से इन प्रतिवादियों के खिलाफ कार्यवाही एकतरफा (एक्स पार्टी) चल रही थी क्योंकि वे न तो अदालत में उपस्थित हुए और न ही अपने बचाव में कोई जवाब दाखिल किया।

“प्रतिवादियों का व्यवहार न केवल अनुचित था, बल्कि हर्जाने और लागत के आरोपण को अनिवार्य बनाता है,” न्यायमूर्ति बंसल ने कहा।
कोर्ट ने यह भी माना कि वीरजी रेस्टोरेंट ने अपने ट्रेडमार्क का भारत में लगातार और व्यापक उपयोग कर एक मजबूत प्रतिष्ठा और उपभोक्ता विश्वास अर्जित किया है, जिसे प्रतिवादी अनुचित तरीके से भुना रहे थे।
“प्रतिवादी बिना किसी उचित स्पष्टीकरण के वादी के नाम और प्रतिष्ठा का अनुचित लाभ उठा रहे थे और उपभोक्ताओं को भ्रमित कर रहे थे,” अदालत ने कहा।
कोर्ट ने पांचों प्रतिवादियों को एक-एक लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया, जिससे कुल हर्जाना और लागत की राशि 5 लाख रुपये हो गई।