दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को उस याचिका पर आप सरकार और दिल्ली नगर निगम से जवाब मांगा, जिसमें अधिकारियों को अनुमोदित लेआउट योजना के बिना बेसमेंट में वाचनालय, पुस्तकालय और स्व-अध्ययन केंद्र चलाने वाली संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने एक याचिका पर दिल्ली सरकार, एमसीडी और दिल्ली अग्निशमन सेवा को नोटिस जारी किया और उनसे स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
अदालत ने मामले को 20 दिसंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
जनहित याचिका (पीआईएल) में करोल बाग, ओल्ड राजिंदर नगर, न्यू राजिंदर नगर, वेस्ट पटेल नगर में बेसमेंट में चल रहे वाचनालय या स्व-अध्ययन केंद्रों या पुस्तकालयों की संख्या के बारे में जानकारी प्रदान करने में अधिकारियों की ओर से विफलता का आरोप लगाया गया है। यहां साउथ पटेल नगर, रंजीत नगर हैं।
याचिकाकर्ता अमरीक सिंह बब्बर ने एमसीडी को उन संपत्तियों को सील करने का निर्देश देने की मांग की, जहां नागरिक निकाय से अनुमोदित लेआउट योजना के बिना बेसमेंट में अवैध वाचनालय, स्व-अध्ययन केंद्र और पुस्तकालय चल रहे हैं।
याचिका में दावा किया गया कि इन केंद्रों में एक ही समय में 80 से अधिक छात्र सेल्फ स्टडी करते हैं और प्रवेश और निकास द्वार केवल एक ही है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने ऐसी संपत्तियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को अभ्यावेदन भी दिया है।