दिल्ली हाईकोर्ट: राजधानी में सभी सेवाओं के लिए एक ही नागरिक निकाय हो

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में सड़क निर्माण, सीवेज प्रबंधन, कूड़ा-कचरा निस्तारण और नालों के रखरखाव जैसे सभी कार्यों के लिए एक ही नागरिक निकाय होना चाहिए, न कि कई अलग-अलग एजेंसियां।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह और मनमीत पी.एस. अरोड़ा की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि कई एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी के कारण जनता को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अदालत ने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे एनडीएमसी (NDMC) लुटियंस दिल्ली में पानी, सड़क, नाले और अन्य सभी नागरिक सुविधाओं का ध्यान रखता है, वैसे ही पूरी दिल्ली के लिए एकीकृत नागरिक निकाय होना चाहिए।

READ ALSO  AIBE XVII (17) 2023 का रिजल्ट इस हफ़्ते आ सकता है: जानिए अपडेट

पीठ ने कहा, “पूरी दिल्ली के लिए एक नागरिक निकाय होना चाहिए। जैसे लुटियंस दिल्ली में केवल एनडीएमसी है, जो पानी, निर्माण, नाले और सड़क सब कुछ संभालता है। इसी तरह पूरी दिल्ली के लिए एक एजेंसी हो सकती है, जिसके अलग-अलग विभाग बनाए जा सकते हैं।”

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने बताया कि इंटीग्रेटेड ड्रेन मैनेजमेंट सेल (IDMC) सभी नालों का प्रबंधन करता है। लेकिन अदालत ने इसे गलत ठहराते हुए कहा कि आईडीएमसी सभी नालों—बरसाती नाले और सीवेज नालों—की एकल प्राधिकरण के रूप में जिम्मेदारी नहीं निभाता। अदालत ने स्पष्ट किया कि एमसीडी बरसाती नालों की देखरेख करता है जबकि दिल्ली जल बोर्ड (DJB) सीवेज लाइनों का जिम्मेदार है, जिससे भ्रम और अव्यवस्था पैदा होती है।

READ ALSO  सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी के खिलाफ चार साल पहले हुई घटना के लिए जांच शुरू नहीं की जा सकती: कर्नाटक हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव को आदेश दिया कि यह निर्णय उपराज्यपाल या सरकार के अन्य अधिकारियों के समक्ष रखा जाए और इस पर सरकार का स्पष्ट रुख बताते हुए स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जाए। मामला अब 3 सितंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles