दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में भवनों की भूकंपीय स्थिरता सुनिश्चित करने संबंधी कदमों पर सरकार से जवाब मांगा।
मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने दिल्ली सरकार और नगर निगमों को इस संबंध में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने यह आदेश एक याचिका पर पारित किया, जिसमें भूकंप से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए नीतियां और दिशा-निर्देश बनाने की मांग की गई है।
यह याचिका अधिवक्ता अर्पित भार्गव द्वारा दायर की गई है। इसमें सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की भी मांग की गई है, ताकि राहतकारी कदम उठाने में देरी होने पर जनता को होने वाले नुकसान के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा सके।

याचिका में भूकंप संबंधी कानूनों को मजबूत करने, उन्हें समयबद्ध तरीके से लागू करने और नीतियों के क्रियान्वयन में देरी होने पर सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने की भी मांग की गई है।