दिल्ली हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की के फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट मामले में आपत्तिजनक सामग्री के प्रसार पर लगाई रोक, मेटा को विवरण साझा करने का आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को एक अहम अंतरिम आदेश पारित करते हुए एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के पक्ष में रोक लगाई, जिसके नाम से फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट बनाकर कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने उसके वास्तविक और मॉर्फ की गई आपत्तिजनक तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित की थीं।

न्यायमूर्ति मनोज जैन ने याचिका पर सुनवाई करते हुए Meta Platforms Inc.—जो इंस्टाग्राम की मूल कंपनी है—को निर्देश दिया कि वह ऐसे सभी फर्जी प्रोफाइल को तुरंत ब्लॉक करे और लड़की के परिजनों को उन खातों के पीछे मौजूद व्यक्तियों की बेसिक सब्सक्राइबर जानकारी, आईपी एड्रेस और अन्य तकनीकी विवरण उपलब्ध कराए।

READ ALSO  मद्रास हाईकोर्ट ने जिला न्यायालय में चेक बाउंस मामलों की ई-फाइलिंग अनिवार्य की

अदालत ने कहा, “वादी ने प्राथमिक दृष्टया अंतरिम निषेधाज्ञा के लिए एक मजबूत मामला बनाया है और यदि उसे यह राहत नहीं दी जाती है तो उसे अपूरणीय क्षति हो सकती है।” न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि सुविधा का संतुलन पूरी तरह वादी (नाबालिग) के पक्ष में है।

कोर्ट ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अंतरिम रोक जारी की, जिससे उन्हें अगली सुनवाई (4 जुलाई) तक लड़की से संबंधित किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री—चाहे वास्तविक हो या डिजिटल रूप से परिवर्तित—को प्रसारित या अपलोड करने से रोका गया है।

READ ALSO  उत्तराखंड हायर जुडिशियल सर्विस परीक्षा में कोई भी अभ्यर्थी नहीं हुआ सफल, एडीजे के तीन पद खाली

पीड़िता की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि बार-बार प्रयासों के बावजूद आरोपियों की पहचान संभव नहीं हो पाई, क्योंकि ये फर्जी अकाउंट गुमनामी में चलाए जा रहे थे। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि यह पूरा घटनाक्रम एक साधारण दिखने वाले फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार करने के बाद शुरू हुआ, जिसके बाद धोखे से पीड़िता की संवेदनशील तस्वीरें हासिल की गईं और उन्हें आधार बनाकर फर्जी प्रोफाइल बनाए गए ताकि उसे डराया, ब्लैकमेल और बदनाम किया जा सके।

READ ALSO  हाईकोर्ट ने पुरुष के खिलाफ बलात्कार के मामले को खारिज कर दिया, कहा कि एक महिला को यह महसूस करने के लिए एक वर्ष से अधिक समय पर्याप्त है कि शादी का वादा झूठा है या नहीं
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles