दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को प्रिया कपूर की उस अर्जी को मंज़ूरी दी जिसमें उन्होंने अपने दिवंगत पति संजय कपूर की बहन मंधिरा कपूर का नाम अदालत के पिछले आदेश से हटाने की मांग की थी।
जस्टिस ज्योति सिंह ने यह आदेश उस वाद में पारित किया जिसे संजय की पूर्व पत्नी और अभिनेत्री करिश्मा कपूर से हुए दो बच्चों ने दायर किया है। बच्चों ने संजय की कथित वसीयत को चुनौती देते हुए करीब ₹30,000 करोड़ मूल्य की संपत्तियों में हिस्सा मांगा है।
अदालत ने प्रिया और उनके नाबालिग पुत्र की ओर से दायर अर्जी स्वीकार कर ली। इसमें कहा गया था कि 10 सितंबर के आदेश में ग़लत रूप से मंधिरा कपूर के वकील की पेशी दर्ज कर दी गई थी, जबकि वे इस मुकदमे की पक्षकार ही नहीं हैं।

सीनियर अधिवक्ता राजीव नायर, जो प्रिया की ओर से पेश हुए, ने तर्क दिया कि आदेश में मंधिरा का नाम शामिल करना “मामले में पिछला दरवाज़ा खोलने का प्रयास” है।
10 सितंबर को अदालत ने प्रिया को निर्देश दिया था कि वे संजय की मृत्यु (12 जून) के दिन तक उनके सभी चल और अचल संपत्तियों का ब्यौरा पेश करें।
उद्योगपति संजय कपूर का 12 जून को लंदन में पोलो मैच के दौरान निधन हो गया था। बताया गया कि मैच के दौरान मधुमक्खी निगल जाने से उन्हें दिल का दौरा पड़ा। उनकी मां रानी कपूर ने हाल ही में ब्रिटेन के अधिकारियों को पत्र लिखकर बेटे की मौत की जांच की मांग की है। उन्होंने प्राकृतिक मृत्यु से इनकार करते हुए हत्या, साज़िश और वित्तीय धोखाधड़ी की आशंका जताई है।
संजय ने वर्ष 2003 में करिश्मा कपूर से विवाह किया था, लेकिन 2016 में दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने प्रिया से शादी की, जिनसे उनका एक नाबालिग बेटा है।
संजय की संपत्ति को लेकर यह कानूनी विवाद दिल्ली हाईकोर्ट में जारी है।