दिल्ली हाईकोर्ट ने साकेत कोर्ट में तैनात एक वर्तमान जज का तबादला कर दिया है। यह कदम दिल्ली पुलिस के एक स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद उठाया गया। SHO ने जज पर लगातार दुर्व्यवहार, उत्पीड़न और पुलिसकर्मियों से निजी काम करवाने व व्यक्तिगत खर्च उठवाने का आरोप लगाया था — जिनमें क्रिकेट किट और जिम की सदस्यता शुल्क जैसे खर्च शामिल थे।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला तब सामने आया जब हजरत निज़ामुद्दीन थाने के प्रभारी SHO पंकज कुमार ने साकेत कोर्ट में तैनात जज के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। चूंकि हजरत निज़ामुद्दीन थाने का क्षेत्राधिकार उन्हीं के कोर्ट में था, इसलिए वहां दर्ज सभी मामलों की सुनवाई उनके समक्ष होती थी। SHO कुमार ने आरोप लगाया कि जज इस अधिकार का दुरुपयोग करके पिछले लगभग एक साल से उन्हें और उनके स्टाफ को प्रताड़ित कर रहे थे।
शिकायतकर्ता के आरोप
SHO पंकज कुमार ने डेली डायरी में दर्ज बयान में कई गंभीर आरोप लगाए, जिनमें प्रमुख थे:

- निजी सेवाओं के लिए दबाव: SHO के अनुसार, जज ने उनसे और अन्य पुलिसकर्मियों से निजी काम करवाए। आरोप है कि पिछले साल दिसंबर में जज की शादी में काम करने के लिए हजरत निज़ामुद्दीन थाने के पुलिसकर्मियों को राजस्थान भेजा गया था।
- पैसों की मांग: SHO का कहना है कि जज ने निजी खर्च उन पर थोपा। विशेष रूप से क्रिकेट किट और जिम की सदस्यता शुल्क का भुगतान SHO से कराया गया।
- दुर्व्यवहार और उत्पीड़न: SHO कुमार ने यह भी आरोप लगाया कि जज कोर्ट में उनके साथ दुर्व्यवहार करते थे और न्यायिक अधिकारों का इस्तेमाल करके पुलिसकर्मियों को विभिन्न मामलों में परेशान करते थे।
दिल्ली हाईकोर्ट की कार्रवाई
इन आरोपों के प्रकाश में आने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने 15 जुलाई को आदेश जारी कर साकेत कोर्ट से जज का तबादला कर दिया।