दिल्ली हाईकोर्ट से हौज खास सोशल को शराब लाइसेंस विवाद में अंतरिम राहत

दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकप्रिय रेस्टोरेंट ‘हौज खास सोशल’ को बड़ी राहत देते हुए आबकारी विभाग के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसमें कथित तौर पर अवैध ‘ईटिंग हाउस लाइसेंस’ के आधार पर रेस्टोरेंट को शराब परोसने से मना किया गया था। यह आदेश उस याचिका पर आया है जिसे रेस्टोरेंट संचालक एपिफनी हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने 3 अप्रैल 2025 को आबकारी विभाग द्वारा जारी आदेश के खिलाफ दाखिल किया था।

न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया कि रेस्टोरेंट का ईटिंग हाउस लाइसेंस 31 मार्च 2024 तक वैध था और उसके नवीनीकरण की प्रक्रिया लगातार जारी है। अदालत ने यह भी रेखांकित किया कि दिल्ली ईटिंग हाउस रजिस्ट्रेशन रेगुलेशंस, 2023 के तहत जब तक पुलिस द्वारा नवीनीकरण का प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जाता या अस्वीकृति की स्पष्ट सूचना नहीं दी जाती, तब तक पुराना पंजीकरण मान्य बना रहता है।

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अदालत ने आबकारी विभाग द्वारा 8 अप्रैल 2024 को जारी कारण बताओ नोटिस की आलोचना करते हुए इसे “अविचारित” बताया। इस नोटिस में रेस्टोरेंट को शराब परोसने की सेवाएं तुरंत बंद करने का निर्देश दिया गया था, जबकि रेस्टोरेंट को भारतीय और विदेशी शराब परोसने का वैध लाइसेंस प्राप्त है, जो इस वर्ष जून तक विस्तारित है।

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सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग ने स्पष्ट किया कि शराब जब्त नहीं की गई है, बल्कि केवल बिक्री पर रोक लगाई गई है जब तक आगे का आदेश नहीं आता। वहीं, दिल्ली पुलिस की लाइसेंसिंग यूनिट ने रेस्टोरेंट की नवीनीकरण याचिका लंबित होने की बात स्वीकार की और देरी का कारण संबंधित इकाई से ‘क्षेत्र उपयुक्तता रिपोर्ट’ न मिलना बताया।

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हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह नवीनीकरण आवेदन की समीक्षा तेजी से करे और दो सप्ताह के भीतर निर्णय ले। साथ ही, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि आबकारी विभाग द्वारा शराब परोसने से रोकने वाला आदेश अंतिम निर्णय तक निलंबित रहेगा।

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