दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में यूएपीए (UAPA) के तहत आरोपी सलीम खान को अपनी बेटी की कॉलेज शिक्षा के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से 10 दिन की अंतरिम जमानत देने की अनुमति दी है। खान उन कई आरोपियों में शामिल हैं जिन पर फरवरी 2020 में हुए दंगों की साजिश रचने का आरोप है, जिनमें 53 लोगों की मौत हुई थी और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे।
न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति शालिंदर कौर की पीठ ने सलीम खान को यह जमानत उनकी बेटी की पढ़ाई के लिए जरूरी आर्थिक व्यवस्था करने के लिए दी है। उनकी बेटी जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी में कानून की पढ़ाई कर रही हैं।
जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान सलीम खान के वकील ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल ने इससे पहले भी दी गई अंतरिम जमानत की शर्तों का पूरी तरह पालन किया है, कभी किसी भी प्रकार का दुरुपयोग नहीं किया और समय पर आत्मसमर्पण किया। वहीं, अभियोजन पक्ष ने खान की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि वह दंगों में शामिल था और उसके खिलाफ सीसीटीवी कैमरे तोड़ने जैसे आरोप भी हैं।

हालांकि, अदालत ने अभियोजन द्वारा पेश की गई एक सत्यापन रिपोर्ट का संज्ञान लिया, जिसमें यह पुष्टि की गई थी कि खान की बेटी वास्तव में जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी में लॉ की छात्रा है।
कोर्ट ने खान को 20,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत देने की शर्त पर 10 दिन की अंतरिम जमानत मंजूर की।