दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को वरिष्ठ अधिवक्ता और भाजपा सदस्य गौरव भाटिया के पक्ष में कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं और यूट्यूब चैनलों के खिलाफ उनकी मानहानि याचिका पर एक अंतरिम निषेधाज्ञा आदेश जारी किया।
यह मामला पिछले महीने गौतमबुद्धनगर जिला एवं सत्र न्यायालय में वकीलों की हड़ताल के दौरान हुई मारपीट की घटना के बाद उनके बारे में प्रसारित मानहानिकारक सामग्री के बारे में भाटिया के दावे से उत्पन्न हुआ है।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने अंतरिम राहत की मांग करने वाली भाटिया की अर्जी का निपटारा कर दिया और निर्देश दिया कि भाटिया के खिलाफ पोस्ट या ट्वीट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाए।
अदालत ने भाटिया के साथ मारपीट करते हुए दिखाए जाने वाले डीपफेक वीडियो के प्रसार पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी सामग्री सनसनीखेज है और गलत जानकारी प्रस्तुत करती है।
अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि अगर डीपफेक वीडियो और ट्वीट सार्वजनिक डोमेन में रहे तो भाटिया को अपूरणीय क्षति होगी, जबकि मुकदमे का उसके गुणों के आधार पर फैसला आने तक सामग्री पर रोक लगाने से प्रतिवादियों को कोई नुकसान नहीं होगा।