दिल्ली हाईकोर्ट ने पेटेंट प्राधिकरण पर लगाया ₹20,000 का जुर्माना, सेना वेलफेयर फंड में जमा करने का आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट ने बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) से जुड़े एक मामले में बार-बार स्थगन (adjournment) मांगने पर पेटेंट और डिजाइन नियंत्रक (Controller of Patents and Designs) को ₹20,000 का जुर्माना भरने का आदेश दिया है। यह राशि चार सप्ताह के भीतर आर्मी सेंट्रल वेलफेयर फंड (Army Central Welfare Fund) में जमा करानी होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी ने 8 मई को पारित किया। उन्होंने आदेश में कहा, “चूंकि प्रतिवादी के वकील ने पिछले तीन बार भी स्थगन की मांग की थी, इसलिए न्यायहित में मामले को 06.08.2025 को पुनः सूचीबद्ध किया जाता है, बशर्ते कि प्रतिवादी द्वारा ₹20,000 की लागत चार सप्ताह के भीतर आर्मी सेंट्रल वेलफेयर फंड में जमा कराई जाए।”

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प्रतिवादी की ओर से पेश वकील ने बताया कि हालांकि मामले में लिखित प्रस्तुतियाँ पहले ही दाखिल की जा चुकी हैं, लेकिन उन्हें अभी “विशिष्ट निर्देश” नहीं मिले हैं।

यह मामला 2023 में दायर किया गया था, जिसमें याचिकाकर्ता ने भारत में अपने पेटेंट के पंजीकरण की मांग की है।

कोर्ट ने अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 अगस्त, 2025 को तय की है, और इसे जुर्माने की राशि जमा करने की शर्त पर सूचीबद्ध किया है।

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