दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सोमनाथ भारती की उस याचिका पर विचार करने का निर्णय लिया है, जिसमें उन्होंने भाजपा नेता सतीश उपाध्याय की मालवीय नगर विधानसभा सीट से हाल ही में हुई चुनावी जीत को चुनौती दी है। इस मामले की सुनवाई 8 अप्रैल को निर्धारित की गई है, जिसमें भारती अपने आरोपों को समर्थन देने वाले अतिरिक्त दस्तावेज़ पेश करेंगे।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं और उन्होंने भारती से उस आपराधिक मामले से जुड़ी ठोस जानकारी मांगी है, जो कथित रूप से उपाध्याय के खिलाफ लंबित है और जिसे भारती ने अपने चुनावी चुनौती का आधार बताया है। मालूम हो कि उपाध्याय ने मालवीय नगर सीट पर कुल 39,564 मतों से जीत दर्ज की थी और भारती को पराजित किया था।
भारती की याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि उपाध्याय ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of People Act) के तहत “भ्रष्ट आचरण” किया है, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज एक कथित अपरिवर्तित आपराधिक शिकायत या FIR को छुपाने का आरोप शामिल है। सुनवाई के दौरान उपाध्याय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने ऐसी किसी FIR की मौजूदगी पर सवाल उठाया और भारती की याचिका को “त्रुटिपूर्ण” करार दिया।

कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि याचिका में लगाए गए आरोपों के समर्थन में ठोस साक्ष्य और विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करना आवश्यक है। न्यायमूर्ति सिंह ने टिप्पणी करते हुए कहा, “आप कह रहे हैं कि एक शिकायत लंबित है। आपको यह स्पष्ट रूप से कहना होगा कि वह लंबित है… अगर आप कह रहे हैं कि आप निश्चित नहीं हैं, तो कृपया निश्चित हो जाएं। इसलिए मैं आपको समय दे रहा हूं। अगर यह सामने आता है कि शिकायत लंबित नहीं है, तो आप हलफनामे पर झूठा बयान दे रहे हैं।”
जज ने आगे कहा कि ऐसे मामलों में आरोपों की गंभीरता और कानूनी मानकों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह कोई अंधाधुंध जांच नहीं हो सकती। यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मामला है। उत्तरदाता एक निर्वाचित सदस्य घोषित हो चुका है।” भारती ने आवश्यक दस्तावेज़ प्राप्त करने के लिए भोपाल कोर्ट तक जाने की इच्छा भी प्रकट की है।
यह मामला दिल्ली में चुनावी नतीजों को लेकर दायर की गई अन्य चुनौतियों की कड़ी में सामने आया है। इससे पहले 26 मार्च को दो अलग-अलग अदालतों ने भाजपा नेता व उपमुख्यमंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा (नई दिल्ली सीट) और आप नेता व पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री आतिशी (कालकाजी सीट) की जीत को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नोटिस जारी किए थे।