दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश: CLAT-PG परीक्षा की उत्तर कुंजी में दो प्रश्नों को गलत मानते हुए सभी अभ्यर्थियों को अंक दिए जाएं, संशोधित परिणाम जारी करने का निर्देश

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (NLUs) के संघ को निर्देश दिया कि वह कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) स्नातकोत्तर (PG) परीक्षा 2024 के लिए संशोधित परिणाम जारी करे और उत्तर कुंजी में जिन दो प्रश्नों को गलत पाया गया है, उनके लिए सभी परीक्षार्थियों को अंक प्रदान किए जाएं।

मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि विवादित तीन प्रश्नों में से दो के उत्तर संघ द्वारा जारी की गई आधिकारिक उत्तर कुंजी में गलत थे। अदालत ने आदेश दिया कि जिन उम्मीदवारों ने इन प्रश्नों को हल किया है, उन्हें न्यायालय द्वारा उचित माने गए उत्तर के आधार पर अंक दिए जाएं।

मामला क्या था?

CLAT 2024 की उत्तर कुंजी को लेकर स्नातक (UG) और स्नातकोत्तर (PG) दोनों स्तरों के परीक्षार्थियों ने कई प्रश्नों को लेकर आपत्तियाँ जताईं। PG परीक्षा के लिए आठ प्रश्नों को चुनौती दी गई थी, जिनमें से चार को संघ ने अप्रैल में हुई बैठक में वापस ले लिया। इसके बाद एक और प्रश्न को भी उत्तर पुस्तिका और मास्टर कुंजी में अंतर के चलते कोर्ट में सुनवाई के बाद वापस ले लिया गया।

READ ALSO  मोटर दुर्घटना दावा| वेतन प्रमाण पत्र के अनुसार, देय वेटेज की गणना ठीक से नहीं की गई थी: सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा बढ़ाया

इस प्रकार कोर्ट के समक्ष तीन प्रश्न बचे थे। हाईकोर्ट ने अपने 18-पृष्ठीय फैसले में दो प्रश्नों के उत्तरों को गलत ठहराया और निर्देश दिया कि इन प्रश्नों के लिए सभी अभ्यर्थियों को अंक प्रदान किए जाएं।

₹1,000 आपत्ति शुल्क पर क्या कहा कोर्ट ने?

कोर्ट ने प्रोविजनल उत्तर कुंजी पर आपत्ति दर्ज करने के लिए लगाई गई ₹1,000 की शुल्क राशि को रद्द करने से इनकार कर दिया, लेकिन यह जरूर कहा कि यह शुल्क अन्य राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं की तुलना में अधिक है और इसे पुनर्विचार के लिए संघ की शिकायत निवारण समिति को भेजा जाना चाहिए।

कोर्ट ने कहा, “यह शुल्क मुख्य रूप से कोचिंग संस्थानों द्वारा की जाने वाली निराधार आपत्तियों को रोकने के उद्देश्य से है, लेकिन यह शुल्क अन्य परीक्षाओं की तुलना में अधिक प्रतीत होता है।”

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने पुणे नगर निकाय को शहर में सड़क चौड़ीकरण के लिए पेड़ काटने से रोक दिया

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि अधिकांश उम्मीदवार यह शुल्क पहले ही अदा कर चुके हैं, इसलिए रिफंड देने का आदेश देना व्यावहारिक नहीं होगा और इससे नए मुकदमे खड़े हो सकते हैं।

UG परिणाम विवाद और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

यह याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट द्वारा 6 फरवरी 2025 को विभिन्न हाईकोर्टों में लंबित मामलों को एकसाथ लाकर दिल्ली हाईकोर्ट स्थानांतरित करने के बाद सामने आईं, जिससे विभिन्न अदालतों से भिन्न-भिन्न निर्णय आने से बचा जा सके।

CLAT की उत्तर कुंजी पहले भी कानूनी विवादों में रही है। दिसंबर 2024 में UG परीक्षा के एक अभ्यर्थी द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर कुंजी पर रोक लगाई थी। 23 अप्रैल को हाईकोर्ट ने UG परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी करने का आदेश दिया था, जिसे 30 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने स्थगित कर दिया।

READ ALSO  बीसीआई के नियमों के अनुसार महिला वकीलों के लिए कोर्ट में चेहरा ढंकना प्रतिबंधित है: जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को अपने आदेश में CLAT UG परीक्षा के प्रश्नों को “लापरवाही से तैयार किया गया” बताते हुए संघ की आलोचना की थी और उन उत्तरों को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व निर्णयों से विरोधाभासी बताया था। कोर्ट ने 6 प्रश्नों के मूल्यांकन में संशोधन का आदेश दिया था। इसके बाद 17 मई को संशोधित उत्तर कुंजी जारी की गई और कुल अंकों को घटाकर 113 किया गया। उसी दिन UG काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू हुई।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles