दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (BFI) और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह निर्देश दिल्ली एमेच्योर बॉक्सिंग एसोसिएशन की उस याचिका पर दिया गया जिसमें फेडरेशन के चुनाव के लिए एक स्वतंत्र रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किए जाने की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति मिणी पुष्कर्णा ने फेडरेशन और केंद्र को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई अगस्त माह में निर्धारित की।
यह आवेदन उस मुख्य याचिका का हिस्सा है जिसमें फेडरेशन के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें केवल संबद्ध राज्य इकाइयों के निर्वाचित सदस्यों को ही चुनाव में अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी गई थी।
आवेदन में कहा गया है कि पूर्व रिटर्निंग ऑफिसर, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति आर.के. गौबा ने 14 अप्रैल को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। याचिकाकर्ता का आरोप है कि फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष, जो स्वयं चुनाव में उम्मीदवार हैं, जानबूझकर चुनाव को टालने की कोशिश कर रहे हैं और एक “अनुकूल रिटर्निंग ऑफिसर” नियुक्त करना चाहते हैं।
याचिका में यह भी कहा गया कि नेशनल स्पोर्ट्स कोड के तहत रिटर्निंग ऑफिसर का स्वतंत्र होना अनिवार्य है। इसके बावजूद, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश और वर्ल्ड बॉक्सिंग फेडरेशन व केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों की मौजूदगी के बावजूद, BFI निष्पक्ष और समयबद्ध चुनाव कराने में विफल रहा है।
गौरतलब है कि 19 मार्च को हाईकोर्ट ने BFI के 7 मार्च के उस निर्णय पर रोक लगा दी थी, जिसमें केवल निर्वाचित सदस्यों को ही राज्य का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी गई थी। इसी आदेश के आधार पर रिटर्निंग ऑफिसर ने दिल्ली एमेच्योर बॉक्सिंग एसोसिएशन द्वारा भेजे गए दो नाम — रोहित जैनेंद्र जैन और नीरज कांत भट्ट — को “अयोग्य” बताते हुए अंतिम मतदाता सूची से बाहर कर दिया था।