दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद की उस याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया जिसमें उन्होंने संसद के मानसून सत्र में भाग लेने की अनुमति मांगी है। यह सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने बारामूला से सांसद राशिद की अंतरिम जमानत या हिरासत परोल की मांग वाली याचिका पर आदेश 21 जुलाई को सुनाने का निर्णय लिया। राशिद वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद हैं और उन्होंने अपने सांसद के कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए अदालत से अनुमति मांगी है।
हिरासत परोल का अर्थ है कि कैदी को हथियारबंद पुलिस की निगरानी में जेल से बाहर लाया जाता है और वापस ले जाया जाता है।

इंजीनियर राशिद, जो जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पूर्व विधायक और अवामी इतिहाद पार्टी के संस्थापक हैं, ने 2024 के लोकसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को हराया था, जबकि वे जेल में ही बंद थे।
राशिद को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 2019 में 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया था। उन पर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकी संगठनों को वित्तीय सहायता देने का आरोप है।
NIA की प्राथमिकी के अनुसार, राशिद का नाम इस मामले में सह-आरोपी व्यवसायी जहूर वटाली से पूछताछ के दौरान सामने आया था। अक्टूबर 2019 में उन्हें आरोपपत्र में शामिल किया गया था और मार्च 2022 में विशेष NIA अदालत ने उन पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी (आपराधिक साजिश), 121 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना), और 124ए (देशद्रोह) सहित UAPA की आतंकवाद से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए थे।
अब अदालत को यह तय करना है कि क्या राशिद को सांसद के रूप में अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए अस्थायी रूप से अंतरिम जमानत या हिरासत परोल दी जा सकती है।
इस याचिका पर निर्णय संसद सत्र के पहले दिन 21 जुलाई को सुनाया जाएगा।