द्वारका स्थित दक्षिण-पश्चिम जिले की वाणिज्यिक अदालत-03 ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के मुख्यालय, जो G-5 & 6, सेक्टर-10, द्वारका, नई दिल्ली-110075 में स्थित है, की कुर्की के लिए वारंट जारी किया। यह आदेश जिला न्यायाधीश (वाणिज्यिक अदालत) अमित बंसल द्वारा 30 नवंबर 2017 के मध्यस्थीय अवार्ड के निष्पादन के तहत दिया गया, जो डिक्री धारक के पक्ष में था।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला “दिलपत सिंह (स्व.) द्वारा एलआर बनाम भारत संघ” (Execution (Comm) 97/24) से संबंधित है, जिसमें हरियाणा के जींद में अतिरिक्त उपायुक्त-सह-मध्यस्थ, श्री धीरेंद्र खड़गटा, आईएएस द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 के तहत पारित मध्यस्थीय अवार्ड को लागू करने की मांग की गई थी। इस अवार्ड में डिक्री धारक को मुआवजा दिया गया था, लेकिन जजमेंट डेब्टर (NHAI) ने इसे पूरा करने में विफलता दिखाई, जिसके कारण निष्पादन की कार्यवाही शुरू की गई।
कानूनी मुद्दे
अदालत के समक्ष मुख्य कानूनी मुद्दे निम्नलिखित थे:
- मध्यस्थीय अवार्ड के निष्पादन के लिए क्षेत्राधिकार – डिक्री धारक ने गुजरात JHM Hotels Ltd. बनाम राजस्थानली रिसॉर्ट्स एंड स्टूडियोज लिमिटेड (2023 SCC OnLine Del 161) और सुंदरम फाइनेंस लिमिटेड बनाम अब्दुल समद (2018) 3 SCC 622 जैसे निर्णयों का हवाला दिया और तर्क दिया कि निष्पादन की कार्यवाही किसी भी ऐसी अदालत में शुरू की जा सकती है, जहां जजमेंट डेब्टर की संपत्ति स्थित हो।
- संपत्तियों का खुलासा न करना – जजमेंट डेब्टर को आदेश XXI नियम 41(2) CPC के तहत परिशिष्ट E के फॉर्म 16A में संपत्ति का शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन बार-बार अवसर दिए जाने के बावजूद NHAI ने अनुपालन नहीं किया।
- संपत्ति की कुर्की को प्रवर्तन तंत्र के रूप में उपयोग करना – चूंकि NHAI ने न तो बकाया राशि चुकाई और न ही अपनी संपत्तियों का खुलासा किया, इसलिए डिक्री धारक ने अदालत से उसकी अचल संपत्ति की कुर्की की मांग की।
अदालत की टिप्पणियां और निर्णय
अदालत ने देखा कि NHAI ने बार-बार अवसर मिलने के बावजूद संपत्ति का शपथ पत्र दाखिल करने में विफलता दिखाई। जजमेंट डेब्टर की ओर से कोई कानूनी आपत्ति न उठाए जाने से डिक्री धारक का पक्ष और मजबूत हुआ।
अदालत की मुख्य टिप्पणियां:
- “जजमेंट डेब्टर ने अपनी संपत्ति का शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देशों का पालन नहीं किया, जबकि उन्हें पर्याप्त अवसर दिए गए।”
- “यह मामला जजमेंट डेब्टर संख्या 2 (NHAI) की द्वारका, नई दिल्ली स्थित अचल संपत्ति की कुर्की के लिए वारंट जारी करने के लिए उपयुक्त है।”
- “जजमेंट डेब्टर को संपत्ति के हस्तांतरण या किसी भी प्रकार के भार से प्रतिबंधित किया जाता है, और सभी व्यक्तियों को ऐसे किसी भी हस्तांतरण से लाभ उठाने से रोका जाता है।”
इन निष्कर्षों के आधार पर, अदालत ने आदेश XXI नियम 54 CPC के तहत NHAI मुख्यालय की कुर्की का वारंट जारी किया।
अब यह मामला 19 मार्च 2025 को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, जिसमें कुर्क की गई संपत्ति की बिक्री की उद्घोषणा के नियम तय किए जाएंगे। यदि NHAI अपनी जिम्मेदारी पूरी करने में विफल रहता है, तो डिक्री धारक आगे की कार्रवाई कर सकता है।