दिल्ली में न्यायिक अधिकारियों के लिए आवास संकट पर हाईकोर्ट सख्त, त्वरित समाधान के दिए निर्देश

दिल्ली हाईकोर्ट ने हालिया सुनवाई के दौरान दिल्ली न्यायिक सेवा और उच्च न्यायिक सेवा अधिकारियों के लिए सरकारी आवास की भारी कमी को लेकर चिंता जताई और इस संकट के शीघ्र समाधान की आवश्यकता पर बल दिया।

यह मामला न्यायिक सेवा संघ द्वारा दायर याचिकाओं के तहत सामने आया था, जिसमें सरकारी आवासों की भारी कमी को उजागर किया गया। संघ ने बताया कि रोहिणी और आनंद विहार में दो वैकल्पिक भूखंड उपलब्ध हैं, जिन पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा आवासीय फ्लैटों के निर्माण पर विचार किया जा रहा है।

READ ALSO  उम्मीदवार को साक्षात्कार के लिए उपस्थित होने की अनुमति दी गई, सुप्रीम कोर्ट ने देर से ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र जमा करने के कारण यूपीएससी की अस्वीकृति को पलट दिया

कोर्ट ने डीडीए से अपेक्षा जताई कि वह इन प्रस्तावों पर गंभीरतापूर्वक और शीघ्र निर्णय ले। सुनवाई के दौरान डीडीए के वकील ने आश्वस्त किया कि प्रस्तावित निर्माण के लिए दो सप्ताह के भीतर एक औपचारिक आवंटन पत्र जारी किया जाएगा और इसकी सूचना अदालत व सरकार दोनों को दी जाएगी। इस पर अदालत ने स्पष्ट किया कि आवश्यक निधियों की रिहाई उसी समय होगी जब आवंटन पत्र जारी कर दिया जाएगा।

Video thumbnail

अदालत ने सरकारी अधिकारियों की धीमी प्रतिक्रिया पर नाराजगी जताई और पूछा कि क्या वे न्यायिक आदेशों को गंभीरता से पढ़ते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य है और यदि इन आदेशों की अनदेखी की गई तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा।

READ ALSO  इंदौर हॉस्टल मालिक की हत्या करने और उसके शरीर को आग लगाने के आरोप में तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा

इसके साथ ही, कोर्ट ने दिल्ली सरकार को द्वारका में फ्लैट निर्माण के लिए धन आवंटन पर बैठक बुलाने के संबंध में निर्णय लेने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व, द्वारका में बने कुछ आवास निर्माण कार्य घटिया गुणवत्ता के कारण ध्वस्त किए जा चुके हैं।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles