डीए आंदोलनकारियों को मिली सचिवालय मार्च की अनुमति, हाई कोर्ट ने कहा: “सत्तापक्ष को हर चीज में छूट तो विपक्ष को क्यों नहीं?”

महंगाई भत्ता की मांग पर आंदोलन कर रहे सरकारी कर्मचारियों को आखिरकार सचिवालय मार्च की अनुमति कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को दे दी है। न्यायमूर्ति राज शेखर मंथा ने अपराह्न दो बजे के बाद सुनवाई करते हुए साफ कर दिया कि आगामी गुरुवार को आंदोलनरत कर्मचारी सचिवालय तक रैली निकाल सकेंगे। उन्होंने इस पर भी शर्त लगाते हुए कहा कि दोपहर 2:30 बजे से शाम चार बजे के बीच रैली खत्म कर देनी होगी। हावड़ा फेरी घाट से बंकिम सेतु, महात्मा गांधी रोड होते हुए हावड़ा मैदान तक रैली का समापन करना होगा।

दरअसल सचिवालय अभियान के लिए आंदोलनरत कर्मचारियों ने पुलिस से अनुमति मांगी थी लेकिन नहीं मिली थी जिसके बाद कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। मंगलवार को न्यायमूर्ति मंथा ने कहा कि अगर कोई शांतिपूर्वक तरीके से अपनी बात रखना चाहता है तो उसमें कोई असुविधा नहीं है। राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि सचिवालय के आसपास कई तरह के प्रतिबंध रहते हैं। इसे लेकर न्यायाधीश ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिन प्रतिबंधों की बात आप कर रहे हैं वह केवल विपक्ष के लिए क्यों हैं? सत्तारूढ़ पार्टी को तो किसी भी रैली की कभी भी अनुमति मिल जाती है। विपक्ष को क्यों नहीं मिलेगी?

हर बार जब विपक्ष के लोग रैली करना चाहते हैं तो सरकार तर्क देती है कि सड़क जाम हो जाएगा, व्यवस्थाएं ठप हो जाएंगी, लोगों को परेशानी होगी लेकिन यही बात सत्तारूढ़ पार्टी के लिए क्यों लागू नहीं होती। विपक्ष को उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। अगर कोई शांति पूर्ण तरीके से अपनी बात रखना चाहता है, विरोध जताना चाहता है तो उसे उसकी अनुमति देनी होगी। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए यह भी कहा कि कई बार रैलियों की अनुमति के लिए कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। यह अच्छे संकेत नहीं है। हिन्दुस्थान समाचार

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