CJI संजीव खन्ना ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के ट्रांसफर पर बार की आपत्ति पर विचार का आश्वासन दिया

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने गुरुवार को विभिन्न उच्च न्यायालयों की बार एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के तबादले के खिलाफ उनकी आपत्ति पर विचार करने का आश्वासन दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने बताया कि यह बैठक सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के सदस्यों – जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस विक्रम नाथ – के साथ हुई।

यह बैठक सुप्रीम कोर्ट परिसर में हुई और इसका आयोजन इलाहाबाद, गुजरात, केरल, जबलपुर, कर्नाटक और लखनऊ की बार एसोसिएशनों द्वारा दिए गए एक सामूहिक ज्ञापन के जवाब में किया गया। इन बार एसोसिएशनों ने कॉलेजियम द्वारा न्यायमूर्ति वर्मा को उनके मूल स्थान इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजे जाने की सिफारिश को वापस लेने की मांग की है। यह कदम न्यायमूर्ति वर्मा के आवास पर हुई एक विवादास्पद घटना के बाद सामने आया।

READ ALSO  हिंदू दत्तक ग्रहण एवं भरण-पोषण अधिनियम की धारा 12(सी) तब तक लागू नहीं होगी जब तक दत्तक ग्रहण की वैधता पर निर्णय नहीं हो जाता: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट

बार नेताओं के अनुसार, 14 मार्च को लुटियन्स दिल्ली स्थित न्यायमूर्ति वर्मा के सरकारी आवास पर आग लगने की घटना में जली हुई नकदी मिली थी। इस मामले में कोई FIR दर्ज नहीं की गई, लेकिन इससे न्यायिक समुदाय में चिंता की लहर दौड़ गई है और पारदर्शिता व जवाबदेही की मांग तेज हो गई है।

Video thumbnail

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने इस मुद्दे को लेकर 25 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। उनका कहना है कि न्यायमूर्ति वर्मा के साथ हुई कार्रवाई में न्यायोचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, क्योंकि घटना के तुरंत बाद CJI के निर्देश पर उन्हें उनके दायित्वों से मुक्त कर दिया गया था।

बार नेताओं ने अपने ज्ञापन में CJI संजीव खन्ना की न्यायपालिका में पारदर्शिता बढ़ाने की पहल की सराहना की, खासतौर पर दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की रिपोर्ट और अन्य दस्तावेजों को सार्वजनिक रूप से सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित करने के फैसले के लिए।

READ ALSO  मोटर दुर्घटना मुआवज़ा अपील में बढ़ई को अकुशल नहीं माना जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

साथ ही, उन्होंने CJI और कॉलेजियम से आग्रह किया कि वे इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उचित कानूनी कार्रवाई शुरू करें और आग की घटना से जुड़े संभावित आपराधिक पहलुओं की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करें।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles