गर्मी की छुट्टियों के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण रामकृष्ण गवई का सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ में बैठना एक असामान्य किंतु महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। आमतौर पर गर्मी की छुट्टियों में मुख्य न्यायाधीश अदालत की कार्यवाही में भाग नहीं लेते, लेकिन इस वर्ष वे 26 मई से 1 जून 2025 के बीच न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह के साथ खंडपीठ में बैठेंगे।
यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेश II के नियम 4 के अंतर्गत जारी अधिसूचना में दी गई है। अधिसूचना के अनुसार 26 मई से 13 जुलाई 2025 तक अदालत आंशिक कार्य दिवसों पर सीमित मामलों की सुनवाई करेगी। नियमित अदालत कार्यवाही 14 जुलाई 2025 से पुनः प्रारंभ होगी।
यह पहल इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि:
मुख्य न्यायाधीश का अवकाश के दौरान खंडपीठ में शामिल होना एक अपवाद है। सामान्यतः यह दायित्व वरिष्ठ न्यायाधीशों को सौंपा जाता है। ऐसे में CJI का स्वयं पीठ में शामिल होना इस बात का संकेत है कि सुप्रीम कोर्ट आवश्यक और अत्यावश्यक मामलों को लेकर कितनी गंभीरता रखता है।

अवकाशकालीन पीठों का प्रमुख विवरण:
- 26 मई – 1 जून: मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह
- अन्य सप्ताहों में खंडपीठों में शामिल होंगे: न्यायमूर्ति सूर्यकांत, संजय करोल, प्रशांत कुमार मिश्र, उज्ज्वल भुइयां, के.वी. विश्वनाथन, एम.एम. सुंदरेश, सुधांशु धूलिया आदि।
रजिस्ट्री का समय:
गर्मी की छुट्टियों के दौरान सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री प्रातः 10:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक खुली रहेगी। ग्रुप-सी (गैर-लिपिकीय) कर्मचारियों के लिए समय 9:30 बजे से 5:30 बजे तक होगा। प्रत्येक शनिवार (12 जुलाई को छोड़कर), रविवार और अन्य अवकाशों पर रजिस्ट्री बंद रहेगी।
मुख्य न्यायाधीश द्वारा गर्मी की छुट्टियों में अदालत की कार्यवाही में भाग लेना न केवल असामान्य है, बल्कि यह न्यायपालिका की तत्परता और जवाबदेही को भी रेखांकित करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि अत्यावश्यक मामलों में न्यायिक पहुंच बाधित न हो।