भारत के सर्वोच्च न्यायालय में अक्सर पेचीदा मामले आते रहते हैं, और सोमवार को भी ऐसा ही हुआ। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने एक वकील को तुच्छ जनहित याचिका (पीआईएल) दायर करने के बारे में सख्त चेतावनी दी। सीजेआई ने इस बात पर जोर दिया कि अगर इस तरह की पीआईएल फिर से अदालत के सामने लाई गई, तो वह सख्त कार्रवाई करेंगे।
एक वकील ने एक पीआईएल दायर की थी, जिस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने इसकी आवश्यकता पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा, “हमें इस मामले की सुनवाई क्यों करनी चाहिए?” उन्होंने कहा कि वकील लगभग हर हफ्ते एक पीआईएल दायर करता है। पीआईएल को खारिज करने से पहले सीजेआई ने कहा, “सरकार जो करना चाहिए, वह करेगी।”
वकील ने निठारी हत्याकांड के मद्देनजर इसके महत्व का हवाला देते हुए पीआईएल को सही ठहराने का प्रयास किया। हालांकि, इससे सीजेआई और भड़क गए। सीजेआई चंद्रचूड़ ने चेतावनी दी, “अगर आप फिर से ऐसी पीआईएल दायर करते हैं, तो हम आप पर जुर्माना लगाएंगे।” उन्होंने कहा कि उन्होंने जनहित याचिका की गहन समीक्षा की है और इसमें गंभीरता से विचार करने लायक कुछ भी नहीं पाया है।
यह पहली बार नहीं है जब सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के मामलों पर विचार किया है। हाल ही में सीजेआई चंद्रचूड़ ने एक अलग मामले में एक वकील को कड़ी सलाह दी थी। वकील पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था और उसने सीजेआई से संपर्क किया था। सीजेआई ने वकील से कहा कि वह बेंच के जजों के खिलाफ आरोप न लगाए। उन्होंने माना कि सुनवाई के दौरान तीखी बहस हो सकती है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि जज कभी भी वकीलों के साथ दुर्व्यवहार नहीं करते।