छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक सार्वजनिक अवकाश के दौरान विशेष सुनवाई करते हुए एक समाचार रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि रेलवे के खेल अधिकारियों ने एक बॉक्सिंग रिंग के अंदर शराब और मांसाहारी भोजन की पार्टी की। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायाधीश बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने WPPIL संख्या 94 ऑफ 2025 में इस कथित आचरण को प्रथम दृष्टया “घोर कदाचार” माना और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) के महाप्रबंधक (जीएम) को जांच करने और एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
मामले की पृष्ठभूमि
हाईकोर्ट ने 23 अक्टूबर 2025 को हिंदी दैनिक “दैनिक भास्कर” में प्रकाशित एक समाचार रिपोर्ट के आधार पर इस स्वत: संज्ञान जनहित याचिका को पंजीकृत किया। समाचार रिपोर्ट का शीर्षक था, “खेल अधिकारियों ने बाक्सिंग रिंग में मनाया बर्थ-डे, शराब नानवेज की पार्टी वायरल”।

रिपोर्ट का उप-शीर्षक था, “ये शर्मनाक है, फोटो शेयर कर खिलाडी ने लिखा-खिलाडी जिस बाक्सिंग रिंग की पूजा करते हैं, उसे खेल अधिकारियों ने मयखाना बना दिया”।
समाचार रिपोर्ट का विवरण
अदालती आदेश में समाचार रिपोर्ट की सामग्री का विवरण दिया गया, जिसमें आरोप लगाया गया कि एसईसीआर बॉक्सिंग रिंग में जश्न मनाते हुए रेलवे विभाग के अधिकारियों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, एसईसीआर जोन के स्पोर्ट्स सेल इंचार्ज श्रीकांत पहाड़ी ने अपने और साथी कोच देवेंद्र यादव के जन्मदिन का जश्न बॉक्सिंग क्लब में मनाया, जिसमें साथी कोचों और खिलाड़ियों को आमंत्रित किया गया। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि उन्होंने “मौके पर ही फिश फ्राई और चिकन पकाया, जिसके बाद उन्होंने जमकर बीयर और शराब पी।”
फैसले में कहा गया कि खबर के मुताबिक, “वायरल तस्वीरों में सभी लोग शराब से भरी बोतलें और गिलास पकड़े हुए हैं” और अधिकारियों को “ड्रिंक्स पीते हुए देखा गया।”
रिपोर्ट में दैनिक भास्कर के साथ साझा किया गया एक रेलवे खिलाड़ी का संदेश भी था, जिसमें लिखा था: “जिस बॉक्सिंग रिंग की खिलाड़ी पूजा करते हैं, उसे खेल अधिकारियों ने मयखाना बना दिया है। शराब पीने के बाद उन्होंने मौके पर ही नॉन-वेज खाया।”
यह भी आरोप लगाया गया कि पार्टी के दौरान, “खेल अधिकारियों ने खिलाड़ियों के मैट का इस्तेमाल टेबल के रूप में किया,” और उन पर “गिलास, बीयर की बोतलें और स्नैक्स” रखे गए, और “पार्टी घंटों तक चली।” कथित तौर पर बॉक्सिंग कोच भी इसमें शामिल हुए।
समाचार आइटम में सीनियर डीसीएम, अनुराग कुमार सिंह का पक्ष भी शामिल था, जिन्होंने कहा, “बॉक्सिंग रिंग खिलाड़ियों के अभ्यास के लिए है। यहां शराब पीना प्रतिबंधित है। ऐसी किसी भी घटना की निश्चित रूप से जांच की जाएगी।”
हाईकोर्ट का विश्लेषण और कार्यवाही
23 अक्टूबर 2025 को विशेष अवकाश पर हुई सुनवाई के दौरान, एसईसीआर के महाप्रबंधक श्री तरुण प्रकाश, श्री रमाकांत मिश्रा (डिप्टी सॉलिसिटर जनरल) और श्री ऋषभ देव सिंह (उत्तरदाताओं के लिए स्थायी वकील) के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए।
खंडपीठ ने समाचार आइटम की समीक्षा करने के बाद एक प्रथम दृष्टया टिप्पणी की: “प्रथम दृष्टया, ऐसा आचरण खेल प्रशिक्षण और अभ्यास के लिए बने स्थान की पवित्रता की घोर अवहेलना और कदाचार को दर्शाता है।”
आदेश में कहा गया है कि जब “उपरोक्त समाचार आइटम का सामना कराया गया, तो श्री तरुण प्रकाश, महाप्रबंधक, एसईसीआर ने मामले की विस्तृत जांच करने और हलफनामे के रूप में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा।”
निर्णय और निर्देश
हाईकोर्ट ने एसईसीआर के महाप्रबंधक को “अगली सुनवाई की तारीख से पहले विधिवत शपथ पत्र के रूप में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने” का आदेश दिया।
अदालत ने स्पष्ट किया कि हलफनामे में “ऐसी जांच के परिणाम और दोषी अधिकारियों के खिलाफ प्रस्तावित या की गई कार्रवाई, यदि कोई हो,” का संकेत होना चाहिए।
मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर 2025 को नियत की गई है।