छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट, बिलासपुर की पीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा एवं न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु शामिल हैं, ने रतनपुर नेशनल हाईवे पर रईस युवकों द्वारा स्टंट किए जाने की घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका (WPPIL No. 21 of 2025) के तहत सुनवाई की।
मूलतः यह मामला 7 अगस्त 2025 को सूचीबद्ध था, किन्तु हरिभूमि दैनिक में 20 जुलाई 2025 को प्रकाशित समाचार के आधार पर 21 जुलाई 2025 को ही इसे उल्लेखित कर लिया गया। समाचार के अनुसार, छह युवा, काले रंग की टोयोटा फॉर्च्यूनर गाड़ियों में सवार होकर, रतनपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्टंट कर रहे थे। उन्होंने बीच सड़क पर गाड़ियां खड़ी कर वीडियोग्राफी के लिए लाइटिंग एवं वीडियोग्राफरों की व्यवस्था की, जिससे राजमार्ग पर यातायात अवरुद्ध हो गया और आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
खबर में यह भी बताया गया कि विनय शर्मा के पुत्र वेदांत शर्मा ने अपने इंस्टाग्राम खाते से इस घटना की रील पोस्ट की, जो वायरल हो गई। इसके पश्चात पुलिस ने हरकत में आते हुए प्रत्येक वाहन पर मात्र 2000 रुपये का जुर्माना लगाया तथा क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने के लिए पत्र लिखा।

पीठ ने इससे पूर्व 4 जुलाई 2025 को हुई एक अन्य घटना का उल्लेख किया, जिसमें एक उप पुलिस अधीक्षक की पत्नी द्वारा इसी प्रकार की हरकत सामने आई थी, और तब भी कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया था।
अदालत ने कहा, “बारंबार इस प्रकार की घटनाएं प्रकाश में आ रही हैं, जिनमें न केवल अशिक्षित लोग बल्कि शिक्षित एवं संपन्न वर्ग के लोग भी सड़क पर उपद्रव करते पाए जा रहे हैं। ऐसे कृत्य न केवल स्वयं उनके लिए बल्कि अन्य राहगीरों के लिए भी खतरा उत्पन्न करते हैं।”
पुलिस की भूमिका पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पीठ ने कहा, “पुलिस की कार्रवाई विशेषतः जब संपन्न वर्ग के बिगड़ैल युवा संलिप्त पाए जाते हैं, अत्यंत निराशाजनक रहती है। मात्र 2000 रुपये का अर्थदंड उनके लिए कोई अर्थ नहीं रखता। जब ऐसे व्यक्तियों में कानून का भय ही न हो, तब पुलिस को कठोर कदम उठाने की आवश्यकता थी। पुलिस का यह असहाय रवैया राज्य में कानून व्यवस्था को कमजोर करेगा।”
इन परिस्थितियों में न्यायालय ने छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि वे व्यक्तिगत हलफनामा प्रस्तुत करें। अगली सुनवाई 7 अगस्त 2025 को निर्धारित की गई है।
मामला: स्वतः संज्ञान जनहित याचिका बनाम छत्तीसगढ़ राज्य एवं अन्य
याचिका संख्या: WPPIL No. 21 of 2025