छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 2021 ‘टूलकिट’ विवाद में भाजपा नेता रमन सिंह, पात्रा के खिलाफ एफआईआर रद्द कर दी

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कांग्रेस के फर्जी लेटरहेड का उपयोग करके कथित ‘टूलकिट’ के प्रसार के संबंध में भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को बुधवार को रद्द कर दिया।

याचिकाकर्ताओं के वकील विवेक शर्मा ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति एनके चंद्रवंशी की खंडपीठ ने प्राथमिकी (प्रथम सूचना रिपोर्ट) को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि दोनों भाजपा राजनेताओं के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनाया गया है।

19 मई, 2021 को कांग्रेस की छात्र शाखा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के तत्कालीन छत्तीसगढ़ इकाई अध्यक्ष आकाश शर्मा की शिकायत के आधार पर रायपुर में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

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शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि सिंह, पात्रा और अन्य भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के नकली लेटरहेड का उपयोग करके सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर मनगढ़ंत सामग्री प्रसारित की और इसे सबसे पुरानी पार्टी द्वारा विकसित टूलकिट के रूप में पेश किया।

शर्मा ने कहा कि सिंह और पात्रा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर प्राथमिकी रद्द करने की मांग की थी।
वकील ने कहा कि उनकी याचिकाओं पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद, एचसी ने एफआईआर में लगाए गए आरोपों की जांच पर रोक लगा दी थी।

शर्मा ने कहा कि 12 सितंबर को हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था और बुधवार को फैसला सुनाया।

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी भी पेश हुए थे।
आदेश की सराहना करते हुए पूर्व सीएम सिंह ने कहा कि हाई कोर्ट का फैसला कांग्रेस के लिए एक सबक है जो अपने राजनीतिक विरोधियों की आवाज दबाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करती है।

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