चंडीगढ़ – केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील जतिन सलवान और उनके सहयोगी सतनाम सिंह को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। शिकायत के अनुसार, सलवान ने एक डाइवोर्स केस में अनुकूल फैसला दिलाने के लिए ₹30 लाख की मांग की थी। यह मामला बठिंडा कोर्ट में चल रहा था।
शिकायत और सीबीआई का जाल
सीबीआई के मुताबिक, 13 अगस्त को फिरोजपुर की बेदी कॉलोनी निवासी हरसिमरनजीत सिंह ने शिकायत दी कि उनकी कजिन बहन संदीप कौर का तलाक का मामला बठिंडा कोर्ट में लंबित है। सलवान, जो उनका केस देख रहे थे, बार-बार कह रहे थे कि अगर फैसला अपने पक्ष में चाहिए तो जज को ₹30 लाख देने होंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जैसे ही पैसे दिए जाएंगे, जज का “खास आदमी” रकम लेने आएगा और फैसला उनके हक में आ जाएगा।
जब हरसिमरनजीत ने रकम कम करने की बात कही तो सलवान ने कथित तौर पर कहा, “रिश्वत के पैसे कभी कम नहीं होते।” शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने जाल बिछाया और ₹5 लाख की पहली किस्त लेते समय सलवान और सतनाम सिंह को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी के पास इस रिश्वतखोरी से जुड़ी फोन रिकॉर्डिंग भी मौजूद होने का दावा है।

न्यायिक हिरासत और अगली पेशी
गिरफ्तारी के बाद दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। अगली पेशी 18 अगस्त को होगी। हालांकि अभी जज की सीधी भूमिका सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार बठिंडा कोर्ट के एक जज को नोटिस भेजा जा सकता है। सीबीआई ने कहा कि अगर जांच में नए सबूत मिलते हैं तो और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
पहले भी विवादों में रहे सलवान
जतिन सलवान इससे पहले भी विवादों में रह चुके हैं। वर्ष 2015 में मलोया थाना क्षेत्र में दर्ज एक एनडीपीएस मामले में उन पर धारा 120-बी के तहत आरोप लगा था। आरोप था कि उन्होंने यूटी पुलिस के रिटायर्ड इंस्पेक्टर समेत अन्य लोगों के साथ मिलकर किसी को झूठे केस में फंसाने की साजिश रची थी। उस समय यह मामला काफी चर्चा में रहा था और वकीलों ने उनके समर्थन में कामकाज तक रोक दिया था। यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है, जहां फिलहाल इस पर स्थगन आदेश (स्टे) लगा हुआ है।