जयपुर। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित साल की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत में रिकॉर्ड 38 लाख 67 हजार से अधिक मुकदमों का निस्तारण किया गया। वहीं 14 अरब 54 करोड 22 लाख 63 हजार 015 रुपए की राशि के अवार्ड जारी किए गए। हालांकि प्राधिकरण की ओर से यह जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है कि तय होने वाले मुकदमों में से अदालतों में लंबित मुकदमे और प्री-लिटिगेशन के कितने-कितने मामले थे। लोक अदालत में झुंझुनूं की नवलगढ़ तहसील से जुड़ा 29 साल पुराना भूमि विवाद भी आपसी सहमति से तय हुआ।
लोक अदालत का शुभारंभ राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ में एक्टिंग सीजे और प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष एमएम श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने कहा कि लोक अदालत अब हमारी कानूनी प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। सभी के लिए न्याय के लिए संवैधानिक को लागू करने में लोक अदालत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। वहीं इसके जरिए लंबी और महंगी प्रक्रिया से अलग विवादों का निस्तारण निशुल्क किया जा सकता है।
प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रमिल कुमार माथुर ने बताया कि लोक अदालत में राजीनामा हो सकने वाले फौजदारी प्रकरणों के अलावा, चैक अनादरण, धन वसूली, बिजली-पानी, तलाक को छोडकर अन्य पारिवारिक प्रकरण, भूमि मुआवजा और सेवा संबंधी मामलों सहित अन्य प्रकरणों को सूचीबद्ध किया गया था।