कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य समीक्षा लंबित रहने तक आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के 57 चिकित्सकों के निलंबन पर रोक लगाई

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पश्चिम बंगाल सरकार के निर्णय तक आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 57 चिकित्सा छात्रों और प्रशिक्षुओं के निलंबन पर रोक लगा दी है। 5 अक्टूबर को विशेष कॉलेज परिषद द्वारा शुरू किया गया निलंबन, इन व्यक्तियों पर संस्थान के भीतर व्याप्त खतरे की संस्कृति का हिस्सा होने के आरोप के बाद किया गया।

यह निर्णय 9 अगस्त को हुई एक विचलित करने वाली घटना के बाद लिया गया है, जिसमें मेडिकल कॉलेज परिसर के अंदर एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु के साथ दुखद बलात्कार और हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद पूरे राज्य में जूनियर डॉक्टरों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया और न्याय तथा सुरक्षा उपायों में वृद्धि की मांग की।

READ ALSO  बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला, नाबालिग से संबंध बनाने के बाद बलात्कार का आरोपी व्यक्ति अपने बच्चे की कस्टडी का दावा कर सकता है
VIP Membership

मामले की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने फैसला सुनाया कि परिषद के निलंबन प्रस्ताव को लागू करने का कोई मौजूदा आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव तब तक अप्रभावी रहेगा जब तक कि स्थापित कानूनी प्रक्रियाओं के अनुसार राज्य अधिकारियों द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की जाती।

निलंबित व्यक्तियों से युक्त याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि विशेष कॉलेज परिषद के पास उन्हें निलंबित या निष्कासित करने का अधिकार नहीं है। दूसरी ओर, मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधियों ने कहा कि निलंबन केवल एक सिफारिश थी, जिसके बाद सरकार आगे की कार्रवाई करेगी। इस विवाद ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ध्यान खींचा है, जो स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। हाल ही में पीड़ित जूनियर डॉक्टरों के साथ एक बैठक में, उन्होंने उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना डॉक्टरों को निलंबित करने के परिषद के फैसले पर अपनी निराशा व्यक्त की।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन की जमानत बरकरार रखी, ईडी की याचिका खारिज की
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles