कलकत्ता हाईकोर्ट में हाल ही में हुए एक घटनाक्रम में, एक खंडपीठ ने लगभग 32,000 प्राथमिक विद्यालय पदों की समाप्ति से संबंधित एक अपील खारिज कर दी है। यह निर्णय खंडपीठ के एक न्यायाधीश न्यायमूर्ति सौमेन सेन द्वारा व्यक्तिगत कारण का हवाला देते हुए खुद को अलग करने के बाद आया। खंडपीठ, जिसमें न्यायमूर्ति स्मिता दास डे भी शामिल हैं, ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा पुनः नियुक्ति की मांग करते हुए मामले को स्थगित कर दिया है।
यह अपील पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड से आई थी, जिसने न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय के एक पूर्व निर्णय को चुनौती दी थी। 12 मई, 2023 को न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने लगभग 32,000 उम्मीदवारों की नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया था, जिनकी 2016 में भर्ती हुई थी, लेकिन उन्होंने अपेक्षित शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा नहीं किया था। ये नियुक्तियाँ पश्चिम बंगाल में सरकारी प्रायोजित और सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में दो साल पहले आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के परिणामों के आधार पर की गई थीं।
इसके बाद एक खंडपीठ ने आगे की चर्चा तक एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी थी। हालांकि, न्यायमूर्ति सेन के अप्रत्याशित रूप से सुनवाई से अलग होने के कारण कार्यवाही प्रक्रियागत रूप से अड़चन में आ गई है। अब मामला न्यायमूर्ति सेन और न्यायमूर्ति दास डे के निर्देशानुसार एक अलग पीठ को सौंपे जाने का इंतजार कर रहा है, ताकि अपील पर आगे बढ़ा जा सके।