कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री और तृणमूल कांग्रेस विधायक पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती अनियमितताओं से जुड़े मामले में जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति सुव्रा घोष की पीठ ने आदेश दिया कि चटर्जी अपना पासपोर्ट अदालत में जमा करें और ट्रायल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर न जाएं। साथ ही, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि मामले की सुनवाई लंबित रहने तक उन्हें किसी भी सार्वजनिक पद पर नियुक्त नहीं किया जाएगा।
चटर्जी पर आरोप है कि उन्होंने शिक्षा विभाग में प्राथमिक शिक्षक, सहायक शिक्षक और अन्य पदों पर अयोग्य उम्मीदवारों की अवैध नियुक्ति कराने वाले रैकेट में भूमिका निभाई।

यह मामला जून 2022 में सामने आया था, जब शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में असफल रहे कई उम्मीदवारों ने भर्ती में गड़बड़ियों को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। इसके बाद हाईकोर्ट ने 8 जून 2022 को सीबीआई जांच का आदेश दिया।
सीबीआई ने अगले ही दिन एफआईआर दर्ज की और 24 जून 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। इसमें चटर्जी समेत शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई।