भारत के उद्योगपतियों ने सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के लिए ₹50 करोड़ की स्वास्थ्य बीमा योजना को दी अनोखी सौगात

देश के प्रमुख उद्योगपतियों ने मिलकर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के सदस्यों के लिए ₹50 करोड़ की सामूहिक स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने की घोषणा की है। यह ऐतिहासिक पहल सुप्रीम कोर्ट की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर SCBA अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने की।

यह पहली बार है जब देश के बड़े कारोबारी घरानों ने वकीलों के लिए इतनी बड़ी कल्याणकारी योजना को सीधे आर्थिक सहयोग से साकार किया है। योगदान देने वालों में वेदांता ग्रुप, अनिल अंबानी, गौतम अडानी, कुमार मंगलम बिड़ला, लक्ष्मी मित्तल, धीरूभाई अंबानी परिवार और टॉरेंट ग्रुप शामिल हैं। इन सभी ने इस योजना के लिए ₹5 से ₹10 करोड़ तक का योगदान दिया है।

कपिल सिब्बल ने कहा, “यह सिर्फ एक पॉलिसी नहीं, बल्कि एक जीवनरेखा है। हम रोज़ देखते हैं कि युवा वकील अपने सपनों के साथ अदालत में आते हैं, लेकिन उनके पास कोई सुरक्षा नहीं होती। यह हमारी तरफ से यह कहने का तरीका है—हम आपके साथ हैं।”

Video thumbnail

सिब्बल ने बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से इन उद्योगपतियों से संपर्क किया। “मैंने वेदांता को फोन किया और उन्होंने ₹5 करोड़ दिए। अनिल अंबानी को फोन किया—वो मना नहीं कर सके। अडानी से कहा कि अब तो आप भारत के सम्राट हैं—तो उन्होंने ₹5 करोड़ दे दिए। बिड़ला और मित्तल ने भी ₹5 करोड़ दिए। अंबानी परिवार से ₹10 करोड़ मांगे—और उन्होंने दे दिए। टॉरेंट ग्रुप भी इस अभियान में ₹5 करोड़ के साथ शामिल हो गया,” सिब्बल ने बताया, जिस पर जोरदार तालियां गूंजीं।

READ ALSO  संशोधित मतदाता सूची की वैधता की जांच अनुच्छेद 226 के तहत कार्यवाही में नहीं की जा सकती: तेलंगाना हाईकोर्ट

यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस द्वारा संचालित इस स्वास्थ्य योजना में हजारों SCBA सदस्यों को पूरी तरह मुफ्त, नकद रहित उपचार की सुविधा मिलेगी। इसकी मुख्य विशेषताएं हैं:

  • प्रत्येक परिवार के लिए ₹2 लाख का सालाना कवरेज
  • वकील के माता-पिता और सास-ससुर को भी शामिल किया गया
  • पहले दिन से ही पूर्व-रुग्ण स्थितियों को कवर
  • देशभर के 15,000 से अधिक अस्पतालों में कैशलेस इलाज
  • सामान्य और सिजेरियन प्रसव पर ₹50,000 की मातृत्व सहायता
  • जन्मजात बीमारियाँ, लेसिक सर्जरी, और एंबुलेंस खर्च को भी कवर किया गया है
READ ALSO  Hate Speeches: SC Seeks Delhi Police’s Reply on Brinda Karat’s Plea for FIR Against BJP’s Anurag Thakur and Parvesh Verma

इस कार्यक्रम के दौरान SCBA ने “पिलर्स ऑफ जस्टिस” नामक एक स्मृति ग्रंथ भी जारी किया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णयों पर लिखे गए महत्वपूर्ण लेख शामिल हैं। इसका उद्देश्य युवा कानून विद्यार्थियों और शिक्षकों को समकालीन न्यायिक सोच में भागीदार बनाना है।

इस पुस्तक में जिन लेखकों ने योगदान दिया, उनमें गौतम भाटिया, जानवी सिंधु, विक्रमादित्य नारायण, अस्था शर्मा, अमित आनंद तिवारी, तन्वी आनंद, राहुल नारायण, मोहम्मद निज़ामुद्दीन पाशा, तल्हा अब्दुल रहमान, जयंत मोहन, श्रेयस यू लालित, मनीषा सिंह और जॉर्ज पथन जैसे प्रमुख अधिवक्ताओं के नाम शामिल हैं।

READ ALSO  स्कूलों में गुजराती भाषा की पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए कोई नियामक ढांचा नहीं: हाईकोर्ट

सिब्बल ने कहा, “यह पुस्तक हमारे युवा अकादमिक समुदाय के लिए है—जिससे वे पढ़ें, विश्लेषण करें और बहस करें। कानून का विकास होना चाहिए, केवल अनुकरण नहीं।”

यह घोषणा वकालत पेशे में कल्याण और ज्ञान के समन्वय की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम मानी जा रही है।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles