केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में अपना आठवां लगातार केंद्रीय बजट 2025 पेश किया। इस बजट में मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत देते हुए इनकम टैक्स स्लैब में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। नए टैक्स सिस्टम के तहत, अब ₹12 लाख तक की वार्षिक आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा। यह घोषणा देश की आर्थिक वृद्धि को गति देने और उपभोक्ता खर्च को बढ़ाने के लिए उठाए गए कई उपायों का हिस्सा है।
बजट 2025 की प्रमुख घोषणाएं:
1. वित्तीय घाटे (Fiscal Deficit) में सुधार:
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025 के लिए राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) का लक्ष्य 4.8% रखा है, जिसे FY26 में 4.4% तक लाने का अनुमान है। यह कदम देश की वित्तीय स्थिरता बनाए रखते हुए रणनीतिक निवेश के जरिए आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
2. जन विश्वास विधेयक 2.0 (Jan Vishwas Bill 2.0):
भारतीय कारोबारी माहौल को और अधिक सहज और निवेश-हितैषी बनाने के लिए सरकार जन विश्वास विधेयक 2.0 पेश करेगी। इस विधेयक के तहत 100 से अधिक प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से हटाया जाएगा। इसके अलावा, राज्यों के लिए निवेश-अनुकूलता सूचकांक (Investment Friendly Index of States) 2025 में लॉन्च किया जाएगा।

3. टैरिफ दरों में सुधार (Tariff Revisions):
सरकार ने टैरिफ सिस्टम को सरल बनाने के लिए 7 अतिरिक्त टैरिफ दरों को खत्म करने की घोषणा की है। इस बदलाव के बाद, अब केवल 8 टैरिफ दरें लागू रहेंगी, जिससे व्यापार को सुगम बनाया जा सकेगा और वस्तुओं की लागत कम होने की उम्मीद है।
4. बुनियादी ढांचे में भारी निवेश (Infrastructure Investment):
सरकार ने राज्यों के लिए ₹1.5 लाख करोड़ का 50 साल तक ब्याज मुक्त कर्ज देने की घोषणा की है, जिसका उपयोग पूंजीगत व्यय (Capex) और बुनियादी ढांचे (Infrastructure) के विकास के लिए किया जाएगा। यह सरकार की दीर्घकालिक आर्थिक मजबूती की नीति का हिस्सा है।
5. स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ावा (Healthcare Support):
स्वास्थ्य सेवाओं को सस्ता और अधिक सुलभ बनाने के लिए, सरकार ने 36 जीवनरक्षक दवाओं (Life-saving Drugs) और औषधियों को बेसिक कस्टम ड्यूटी से पूरी तरह मुक्त कर दिया है।
आर्थिक सर्वेक्षण और बजट सत्र (Economic Survey and Budget Session):
बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी 2025 को हुई थी, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2025 पेश किया था। इस सर्वेक्षण में देश की अर्थव्यवस्था के प्रमुख रुझानों और चुनौतियों का उल्लेख किया गया था, जिसने आज के बजट प्रस्तावों की नींव रखी।
मध्यम वर्ग के लिए बड़ा फायदा
टैक्स स्लैब में किए गए ये बदलाव खासतौर पर मध्यम वर्ग के लिए फायदेमंद साबित होंगे, क्योंकि इससे उनकी निश्चित आय बढ़ेगी और खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी। सरकार का यह बजट व्यापक आर्थिक प्रबंधन, आधारभूत ढांचे में रणनीतिक निवेश और व्यापार एवं कर सुधारों के जरिए सतत विकास सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।