बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने जासूसी गतिविधियों के दोषी ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल की जमानत और जेल की सजा के निलंबन की याचिका खारिज कर दी है।
बुधवार को पेश की गई अंतिम दलीलों के बाद जस्टिस विनय जोशी और जस्टिस वृषाली जोशी ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया। राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले सहायक सरकारी वकील अनूप बदर ने अदालत के फैसले की पुष्टि की।
निशांत प्रदीपकुमार अग्रवाल को 2018 में उनकी गिरफ्तारी के बाद 3 जून को एक सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उन पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने का आरोप था। अग्रवाल को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 के कड़े प्रावधानों के तहत दोषी पाया गया।*
अग्रवाल का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने अपने मुवक्किल की जमानत और अपील लंबित रहने तक सजा के निलंबन के लिए तर्क दिया, लेकिन हाई कोर्ट ने अपराधों की गंभीरता पर जोर देते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा।