2010 दोहरे हत्याकांड में दोषसिद्धि बरकरार: बॉम्बे हाईकोर्ट ने छोटा राजन गैंग के दो सदस्यों की उम्रकैद की सजा को दी मंजूरी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में छोटा राजन गिरोह के दो सदस्यों को 2010 के दोहरे हत्याकांड में सुनाई गई उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। न्यायमूर्ति नीला गोखले और न्यायमूर्ति रेवती डेरे की खंडपीठ ने मोहम्मद अली शेख और प्रणय राणे की अपीलों को खारिज कर ट्रायल कोर्ट के निर्णय को “कानूनी रूप से उचित और तर्कसंगत” बताया।

इन दोनों आरोपियों को अगस्त 2022 में मुंबई में हुए शकील मोडक और आसिफ कुरैशी की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। हालांकि, अपर्याप्त साक्ष्यों के कारण इस मामले में गिरोह के सरगना छोटा राजन और दो अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया था।

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विशेष अभियोजक प्रदीप घराट के अनुसार, 13 फरवरी 2010 को मुंबई के जे जे मार्ग पुलिस स्टेशन के पास चार हमलावरों ने कुख्यात भगोड़े अपराधी दाऊद इब्राहिम के कथित सहयोगी आसिफ खान को निशाना बनाकर गोलीबारी की थी। हालांकि खान इस हमले में बच गया, लेकिन उसके साथी शकील मोडक और आसिफ कुरैशी गंभीर रूप से घायल हो गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

हाईकोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद समस्त साक्ष्य यह दर्शाते हैं कि दोनों अभियुक्तों की संलिप्तता संदेह से परे सिद्ध होती है।

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