बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि अभिनेता शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा की विदेश यात्रा की अनुमति पर तभी विचार किया जाएगा जब वे 60 करोड़ रुपये जमा करेंगे — यह वही राशि है जो उनके खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी के मामले में कथित रूप से शामिल है।
मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंकड़ की खंडपीठ शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने मुंबई पुलिस द्वारा जारी लुक आउट सर्कुलर (LOC) को निलंबित करने की मांग की है। याचिका में अक्टूबर 2025 से जनवरी 2026 तक के लिए LOC निलंबित करने का अनुरोध किया गया है ताकि वे अपने पेशेवर कामकाज और कुछ निजी यात्राओं के लिए विदेश जा सकें।
यह मामला 14 अगस्त को जुहू पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। 60 वर्षीय व्यवसायी दीपक कोठारी ने शिकायत में आरोप लगाया कि वर्ष 2015 से 2023 के बीच शेट्टी और कुंद्रा ने उन्हें अपनी कंपनी बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड में 60 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए प्रेरित किया था। आरोप है कि इस राशि का इस्तेमाल व्यवसाय में करने के बजाय उन्होंने इसे अपने निजी लाभ के लिए कर लिया।

सुनवाई के दौरान अदालत ने स्पष्ट कहा कि जब आरोपी पर धोखाधड़ी और ठगी का मामला दर्ज है, तब मनोरंजन या अवकाश यात्राओं की अनुमति नहीं दी जा सकती। दंपति के वकील ने दलील दी कि प्रस्तावित यात्राओं में से केवल एक यात्रा फुकेट की अवकाश यात्रा है, बाकी सभी पेशेवर कार्य से जुड़ी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि शेट्टी और कुंद्रा जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं और पूछताछ में उपस्थित भी हुए हैं।
अदालत ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी न होने का कारण उनका सहयोग है। साथ ही अदालत ने निर्देश दिया कि पेशेवर कार्यक्रमों के लिए उन्हें भेजे गए निमंत्रण पत्र या अन्य संचार के प्रमाण पेश किए जाएं।
पीठ ने कहा:
“पूरा 60 करोड़ रुपये जमा कीजिए, तभी हम याचिका पर विचार करेंगे।”
मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी।
इस बीच, 4 अक्टूबर को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की टीम ने शिल्पा शेट्टी का बयान उनके घर पर दर्ज किया। अधिकारियों के मुताबिक, उन्होंने पूछताछ में कहा कि कंपनी के कामकाज को वह नहीं देखती थीं, जबकि वह कंपनी की सह-संस्थापक और निदेशक थीं। EOW ने पहले राज कुंद्रा का बयान दर्ज किया था और दोनों के खिलाफ LOC जारी किया था।
बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड एक होम शॉपिंग और ऑनलाइन रिटेल प्लेटफॉर्म के रूप में काम करता था। EOW इस मामले में वित्तीय अनियमितताओं की जांच जारी रखे हुए है।