बॉम्बे हाईकोर्ट की अवमानना: महिला को न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी पर 1 सप्ताह की सजा

एक महत्वपूर्ण निर्णय में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को विनीता श्रीनंदन को न्यायपालिका के प्रति अवमाननापूर्ण टिप्पणियाँ करने के लिए एक सप्ताह की साधारण कैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने उन पर ₹20,000 का जुर्माना भी लगाया। यह मामला नवी मुंबई के एक हाउसिंग सोसाइटी में कुत्तों को खाना खिलाने को लेकर हुए विवाद से जुड़ा है।

न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति अद्वैत सेठना की पीठ ने श्रीनंदन की माफी को खारिज करते हुए उसे असंवेदनशील और आमतौर पर इस तरह के मामलों में की जाने वाली ‘औपचारिक क्षमा याचना’ बताया। पीठ ने कहा, “हम मगरमच्छ के आँसू और यह रटा-रटाया ‘सॉरी मंत्र’ स्वीकार नहीं करेंगे, जो आमतौर पर अवमानना करने वालों द्वारा अपनाया जाता है।”

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यह विवाद तब शुरू हुआ जब सोसाइटी की निवासी लीला वर्मा ने हाईकोर्ट का रुख किया और आरोप लगाया कि प्रबंधन समिति, जिसमें श्रीनंदन भी सदस्य हैं, उन्हें आवारा कुत्तों को खाना खिलाने को लेकर परेशान कर रही है। कोर्ट ने 21 जनवरी को यह निर्देश दिया था कि ऐसे मामलों की शिकायतें नगरपालिका को दी जाएँ, न कि निवासियों को परेशान किया जाए।

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हालांकि कोर्ट ने अपने आदेश में समाधानकारी रुख अपनाया था, लेकिन इसके बावजूद श्रीनंदन ने अन्य समिति सदस्यों को ईमेल भेजे जिनमें न्यायाधीशों के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया और कोर्ट को “डॉग माफिया” कहा गया। इसके चलते उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की गई।

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कोर्ट ने श्रीनंदन की टिप्पणियों को “जानबूझकर और घोर रूप से अपमानजनक” बताते हुए उसकी निंदा की। हालांकि, कोर्ट ने सजा पर तत्काल अमल को आठ दिन के लिए स्थगित कर दिया ताकि वह अपील दायर कर सकें।

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