बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका खारिज कर दी, जिसमें नवी मुंबई में होने वाले कोल्डप्ले कॉन्सर्ट समेत प्रमुख आयोजनों के लिए कालाबाजारी और टिकट स्केलिंग से निपटने के लिए कड़े दिशा-निर्देश स्थापित करने की मांग की गई थी। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने फैसला सुनाया कि उठाए गए मुद्दे विधायी और कार्यकारी क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आते हैं, इसलिए अदालत की हस्तक्षेप करने की क्षमता सीमित है।
वकील अमित व्यास द्वारा पेश की गई याचिका में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बुकमाईशो पर कोल्डप्ले के कॉन्सर्ट टिकटों को लेकर हाल ही में मची होड़ का हवाला देते हुए हाई-प्रोफाइल इवेंट्स के लिए टिकट बिक्री में कथित अनियमितताओं को उजागर किया गया। व्यास ने तर्क दिया कि ये प्रथाएं न केवल कोल्डप्ले कॉन्सर्ट में शामिल हैं, बल्कि आईपीएल मैचों, 2023 क्रिकेट विश्व कप और टेलर स्विफ्ट और दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट के दौरान भी प्रचलित थीं।
अपनी याचिका में व्यास ने दावा किया कि बुकमाईशो द्वारा सुगम प्रक्रिया में इस हद तक हेरफेर किया गया कि टिकट उपलब्ध होने के कुछ ही मिनटों के भीतर बिक गए, लेकिन बाद में उन्हें द्वितीयक वेबसाइटों पर काफी अधिक कीमत पर पाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की कार्रवाइयों से प्रशंसकों का शोषण होता है और टिकटिंग बाजार में आगे के दुरुपयोग को रोकने के लिए तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की।
हालांकि, अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि विधायी या कार्यकारी कार्रवाई को निर्देशित करना उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। पीठ ने कहा, “यह एक विधायी और कार्यकारी निर्णय है। अदालत हस्तक्षेप नहीं कर सकती। सरकार याचिका में उठाई गई चिंताओं को संबोधित करने के लिए कानून बनाने के लिए स्वतंत्र है।” उन्होंने याचिकाकर्ता को इन चिंताओं को सीधे संबोधित करने के लिए सक्षम प्राधिकारी के समक्ष प्रतिनिधित्व करने का अवसर भी दिया।