बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को वरिष्ठ क्राइम पत्रकार ज्योतिरमय डे (जे डे) की 2011 में हुई हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे चार दोषियों की जमानत और सजा निलंबन की याचिकाएं खारिज कर दीं।
न्यायमूर्ति रविंद्र घुगे और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की खंडपीठ ने कहा कि अदालत इस चरण में सजा को निलंबित करने और दोषियों को जमानत देने को उचित नहीं मानती। विस्तृत आदेश की प्रति अभी उपलब्ध नहीं है।
यह याचिकाएं निलेश शेडगे, सचिन गायकवाड़, अभिजीत शिंदे और मंगेश आगवणे ने दायर की थीं। इन चारों को ट्रायल कोर्ट ने मई 2018 में दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, शेडगे और शिंदे उत्तराखंड के नैनीताल गए थे जहां से हत्या में इस्तेमाल की गई बंदूक खरीदी गई थी। गायकवाड़ ने जे डे पर निगरानी रखी और हमलावरों को मोटरसाइकिल उपलब्ध कराई, जबकि आगवणे मुख्य शूटर सतीश कालिया के साथ मौजूद था।
इन चारों को हत्या की योजना और क्रियान्वयन में हथियार, वाहन उपलब्ध कराने और शूटरों की मदद करने के लिए दोषी ठहराया गया।
जे डे (56) एक वरिष्ठ पत्रकार थे जो मुंबई अंडरवर्ल्ड पर अपनी गहन रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते थे। 11 जून 2011 को उनकी मुंबई के पवई इलाके में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
ट्रायल कोर्ट ने अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को भी हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। यह मामला 2015 में बाली (इंडोनेशिया) से छोटा राजन के प्रत्यर्पण के बाद उसकी पहली सजा थी।