बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को कोविड-19 जम्बो सेंटर घोटाले में गिरफ्तार कारोबारी सुजीत पटकर को जमानत दे दी। पटकर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जुलाई 2023 में गिरफ्तार किया था। वह शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत के करीबी माने जाते हैं।
न्यायमूर्ति अमित बोरकर की एकल पीठ ने आरोपी द्वारा अब तक जेल में बिताए गए समय, ट्रायल शुरू होने में देरी और सह-आरोपियों को मिली जमानत को ध्यान में रखते हुए यह राहत दी।
कोर्ट ने कहा, “आवेदक द्वारा जेल में बिताए गए समय, सह-आरोपियों को मिली जमानत और ट्रायल शुरू होने में देरी को देखते हुए, अदालत का मत है कि आवेदक को जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।”

अदालत ने पटकर को ₹1 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी है और कुछ अन्य शर्तें भी लगाई हैं। विस्तृत आदेश बाद में जारी किया जाएगा।
इससे पहले, नवंबर 2023 में विशेष अदालत ने पटकर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उस समय अदालत ने कहा था कि पटकर और उनके साझेदारों ने महामारी के दौरान लोगों की जान बचाने के बजाय एक आपराधिक साजिश रचते हुए उनके जीवन से खिलवाड़ किया।
पटकर पर आरोप है कि उन्होंने और अन्य आरोपियों ने मुंबई महानगरपालिका (BMC) को धोखा दिया और वर्ली में संचालित कोविड-19 जम्बो सेंटर के लिए अनुबंध प्राप्त करने के बाद वहां डॉक्टरों और कर्मचारियों की कम तैनाती की।
जांच एजेंसियों का कहना है कि पटकर और उनके सहयोगियों ने फर्जी बिल और वाउचर बनाकर ‘प्रोसीड्स ऑफ क्राइम’ (अपराध की आय) तैयार की। वह लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज के चार साझेदारों में से एक थे, जिसे वर्ली कोविड सेंटर चलाने का ठेका मिला था।
मुंबई पुलिस की FIR के आधार पर ED ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है।