बॉम्बे हाईकोर्ट ने मृत पति की वसीयत में जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार वृद्धा को दी अंतरिम जमानत

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 61 वर्षीय हेमलता शाह को अंतरिम जमानत दे दी है, जिन पर अपने दिवंगत पति की वसीयत में जालसाजी का आरोप है। न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव ने शनिवार देर शाम मामले की आपात सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया, जिसमें शाह की गिरफ्तारी की आवश्यकता और हिरासत की परिस्थितियों पर गंभीर चिंता जताई गई।

न्यायालय ने कहा कि हेमलता शाह, जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं, उनकी गिरफ्तारी प्रथमदृष्टया अनावश्यक प्रतीत होती है। यह मामला उनके दिवंगत पति के पूर्व व्यावसायिक साझेदार की शिकायत पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि शाह ने संपत्ति पर अधिकार पाने के लिए वसीयत में हेरफेर की।

READ ALSO  कर्नाटक हाई कोर्ट ने चाइल्ड कस्टडी विवादों पर दिशानिर्देशों के लिए स्वयं मामला शुरू किया

गौर करने वाली बात यह है कि जिस वसीयत को लेकर विवाद है, उसे बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा वर्ष 2020 में पहले ही प्रामाणिक (probate) घोषित किया जा चुका है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह तथ्य मामले की निचली अदालतों में सुनवाई के दौरान अहम भूमिका निभानी चाहिए थी।

Video thumbnail

इसके बावजूद शाह के खिलाफ त्वरित और कठोर प्रक्रिया अपनाई गई। 27 मार्च को गैर-जमानती वारंट जारी हुआ और अगले ही दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। एक दिन की पुलिस हिरासत के बाद उन्हें 11 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

न्यायमूर्ति जाधव ने विशेष रूप से इस बात पर नाराजगी जताई कि मजिस्ट्रेट ने पुलिस की ओर से उचित अनुरोध न होने के बावजूद हेमलता शाह को पुलिस हिरासत में भेज दिया। उन्होंने यह भी कहा कि एक बार वसीयत को कोर्ट द्वारा प्रमाणित कर दिया गया हो, तो उसकी प्रामाणिकता पर पुनः कानूनी प्रश्न उठाना सामान्यतः उचित नहीं है। इससे यह संकेत मिलता है कि मजिस्ट्रेट स्तर पर न्यायिक विवेक का पालन नहीं हुआ।

READ ALSO  कौशल विकास निगम घोटाला मामला: सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर चंद्रबाबू नायडू को नोटिस जारी किया

हाईकोर्ट के इस फैसले में यह रेखांकित किया गया कि किसी भी आरोपी के संदर्भ में व्यापक परिस्थितियों—जैसे पूर्व न्यायिक निर्णय और स्वास्थ्य की स्थिति—को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाना चाहिए।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles