कामाठीपुरा में अवैध ठेला-फेरीवालों पर कार्रवाई न करने को लेकर दायर अवमानना याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज की

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कामाठीपुरा के निवासियों द्वारा बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के खिलाफ दायर अवमानना याचिका खारिज कर दी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि बीएमसी ने अवैध ठेला-फेरीवालों पर कार्रवाई नहीं की, जबकि अदालत ने पहले ही निर्देश जारी किए थे।

मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंकद की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि अवैध कब्जाधारी भी कानून के तहत कुछ नागरिक अधिकार रखते हैं। अदालत ने कहा, “भले ही कोई व्यक्ति अवैध रूप से जमीन पर कब्जा कर ले, उसे कुछ नागरिक अधिकार प्राप्त हो जाते हैं। उसे बिना कानूनी प्रक्रिया का पालन किए हटाया नहीं जा सकता। इस परिप्रेक्ष्य में हम इस अवमानना याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं।”

21 दिसंबर 2023 को हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि यदि निवासी 15 दिनों के भीतर प्राधिकरण के पास प्रतिनिधित्व करें तो बीएमसी कामाठीपुरा की गलियों में अवैध अतिक्रमण हटाए। धर्मा वल्लाकटी और अन्य निवासियों का कहना था कि उन्होंने समयसीमा के भीतर बीएमसी से संपर्क किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तीन महीने इंतजार करने के बाद उन्होंने अवमानना याचिका दायर की और आरोप लगाया कि बीएमसी ने अदालत के आदेश की अनदेखी की।

Video thumbnail

याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि ठेला-फेरीवाले 7–10 वर्षों से गैर-हॉकिन्ग ज़ोन घोषित क्षेत्र पर कब्जा किए हुए हैं। उनका कहना था कि फेरीवालों ने संकरी गलियों में दुकानें लगा दी हैं जिससे निवासियों को घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। उनके वकील ने यहां तक सुझाव दिया कि एक निगरानी वैन तैनात की जाए ताकि बेदखली के बाद फेरीवाले दोबारा न लौटें।

पीठ ने हालांकि यह टिप्पणी की कि इतने बड़े पैमाने पर अतिक्रमण को तीन महीनों में पूरी तरह हटाने की उम्मीद अव्यावहारिक है। अदालत ने यह भी कहा कि दिसंबर 2023 का आदेश बीएमसी की प्रतिक्रिया सुने बिना ही पारित किया गया था और कानून के अनुसार किसी भी बेदखली से पहले प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन अनिवार्य है।

READ ALSO  नाबालिग की सहमति के बावजूद, उसके अभिभावक की सहमति के बिना नाबालिग को ले जाना या फुसलाना अपहरण के समान होगा: झारखंड हाईकोर्ट

न्यायाधीशों ने दिसंबर 2023 में सर्वोच्च न्यायालय के एक अन्य मामले का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि बेदखली की स्थिति में न्यूनतम सुरक्षा यह है कि उचित प्रक्रिया अपनाई जाए। इसमें प्रभावित व्यक्तियों की उपस्थिति में अतिक्रमण वाले क्षेत्र का विधिवत सीमांकन भी शामिल है।

तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दिसंबर 2023 में पाया था कि कामाठीपुरा की एस.पी. रोड की पहली गली से 16वीं गली तक फेरीवालों ने पूरी तरह फुटपाथ और मार्गों पर कब्जा कर रखा है, जिससे पैदल यात्रियों और निवासियों को भारी असुविधा हो रही है। उस समय अदालत ने बीएमसी को निवासियों की शिकायतों पर “शीघ्रता से” कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।

READ ALSO  सीबीआई की विशेष अदालत ने फर्जी पासपोर्ट केस में अबू सलेम को समन किया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles