बंबई हाईकोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र भर के नागरिक निकायों को निर्देश जारी किया, जिसमें उनसे जैन सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट की याचिका पर शीघ्रता से विचार करने का आग्रह किया गया, जिसमें पशु वध और मांस की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। यह अनुरोध आगामी जैन धार्मिक अनुष्ठान ‘पर्यूषण पर्व’ से जुड़ा है।
यह याचिका शेठ मोतीशॉ लालबाग जैन चैरिटीज द्वारा लाई गई थी, जिसने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और पुणे, मीरा भयंदर और नासिक के नागरिक निकायों से तत्काल निर्णय लेने के लिए याचिका दायर की थी। ट्रस्ट धार्मिक उत्सवों के साथ 31 अगस्त से 7 सितंबर तक प्रतिबंध लागू करना चाहता है, जिसमें जैन सिद्धांत ‘अहिंसा’ (अहिंसा) को एक मौलिक सिद्धांत के रूप में उद्धृत किया गया है।
मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने कहा कि ट्रस्ट के अनुरोध पर विचार करने के लिए नगर निकायों को आदेश देने से उन्हें कोई कानूनी बाधा नहीं है। “हम तदनुसार अधिकारियों को 31 अगस्त से 7 सितंबर के दौरान जानवरों के वध और मांस की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता के प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने का निर्देश देते हैं। हम नगर निकायों से आग्रह करते हैं कि वे तत्काल निर्णय लें क्योंकि त्योहार 31 अगस्त से शुरू हो रहा है,” हाईकोर्ट ने घोषणा की।