अगर आप 2025–26 में लॉ की पढ़ाई शुरू करने का सपना देख रहे हैं, तो यह ख़बर आपके लिए बेहद अहम है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने देशभर के 11 लॉ कॉलेजों पर तत्काल प्रभाव से एडमिशन पर रोक लगा दी है। BCI की हाई-लेवल मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा की गई अचानक जांच में गंभीर खामियां सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई है।
BCI ने 26 जुलाई 2025 को सार्वजनिक नोटिस जारी कर साफ किया कि इन कॉलेजों को नए शैक्षणिक सत्र के लिए कोई मंजूरी पत्र नहीं दिया गया है, इसलिए इनमें किसी भी नए छात्र का दाख़िला नहीं होगा।
जिन लॉ कॉलेजों पर बैन लगा है:
उत्तर प्रदेश

- आदित्य कॉलेज ऑफ लॉ, एतमादपुर, आगरा
- डी.एस. लॉ कॉलेज, इरादतनगर, आगरा
- श्री जगदंबा लॉ कॉलेज, आगरा
- नीतू स्मृति विधि महाविद्यालय, उन्नाव
- पं. पूरनमल मेमोरियल एजुकेशन कॉलेज ऑफ लॉ, अलीगढ़
- आर.जे. लॉ कॉलेज, अलीगढ़
- एसएमएस लॉ कॉलेज, वाराणसी
राजस्थान
8. डॉ. अनुष्का विधि महाविद्यालय, उदयपुर
9. इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज एंड रिसर्च (लॉ), अलवर
गुजरात
10. महात्मा गांधी लॉ कॉलेज, नारोदा
आंध्र प्रदेश
11. श्री वेंकटेश्वरा कॉलेज ऑफ लॉ, तिरुपति
बैन क्यों लगा?
BCI की हाई-लेवल सरप्राइज़ इंस्पेक्शन मॉनिटरिंग कमेटी ने पाया कि ये कॉलेज न्यूनतम शैक्षणिक और बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर रहे थे। रिपोर्ट में फैकल्टी, सुविधाएं और शैक्षणिक मानकों की भारी कमी पाई गई।
BCI की आधिकारिक चेतावनी:
नोटिस पर BCI के प्रिंसिपल सेक्रेटरी श्रीमंतो सेन के हस्ताक्षर हैं। उसमें कहा गया है:
“2025–26 सत्र के लिए इन संस्थानों को कोई अनुमोदन नहीं दिया गया है। किसी भी तरह का दाख़िला नियमों के उल्लंघन के रूप में देखा जाएगा और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
छात्रों पर असर:
इस फैसले का सीधा असर उन सैकड़ों छात्रों पर पड़ेगा, जो उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और आंध्र प्रदेश में लॉ कॉलेजों में दाख़िले की तैयारी कर रहे थे।
BCI ने छात्रों को सलाह दी है कि किसी भी कॉलेज में दाख़िला लेने से पहले उसकी मान्यता BCI की वेबसाइट पर ज़रूर चेक करें। आगे की मंजूरी उन्हीं कॉलेजों को दी जाएगी जो शैक्षणिक मानकों का पूरी तरह अनुपालन करेंगे।