उत्तर प्रदेश में फिर शुरू हुआ वकीलों का नामांकन, बार काउंसिल ने निर्धारित की ₹750 फीस – फॉर्म डाउनलोड करें

उत्तर प्रदेश, 12 अगस्त 2024: सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्णय के बाद उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने वकीलों के नामांकन के लिए नई प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस फैसले के तहत अनुसूचित जाति और जनजाति को छोड़कर सभी वर्गों के लिए नामांकन शुल्क ₹750 निर्धारित किया गया है। अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के लिए यह शुल्क ₹125 रखा गया है। 

बार काउंसिल द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, सभी वर्गों के लिए नामांकन फॉर्म निःशुल्क उपलब्ध होगा। इच्छुक वकील उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की आधिकारिक वेबसाइट से अपना फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं और निर्धारित शुल्क जमा करके नामांकन प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।

इससे पहले, दिल्ली बार काउंसिल ने भी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन करते हुए वकीलों के नामांकन के लिए ₹750 के शुल्क पर फॉर्म जारी किए थे, जिसके बाद वहां भी नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद देशभर के विभिन्न राज्यों में इसी प्रकार की प्रक्रियाएं शुरू की जा रही हैं, जिसमें शुल्क निर्धारण और नामांकन की प्रक्रिया में सुधार किया जा रहा है।

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उत्तर प्रदेश में वकीलों के नामांकन की प्रक्रिया दोबारा शुरू होने से अधिवक्ताओं में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी जा रही है। इस निर्णय से यह उम्मीद की जा रही है कि नामांकन प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और सुगमता आएगी, जिससे नए वकीलों को पेशे में प्रवेश करने में सहूलियत होगी।

फॉर्म डाउनलोड करने और नामांकन से संबंधित अन्य जानकारी के लिए वकील उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की वेबसाइट पर जा सकते हैं। 

महत्वपूर्ण बिंदु:- 

सभी वर्गों के लिए नामांकन शुल्क ₹750।

– SC/ST समुदाय के लिए नामांकन शुल्क ₹125।

– फॉर्म सभी के लिए निःशुल्क उपलब्ध।

– नामांकन प्रक्रिया शुरू।

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नवीन अधिवक्ता पंजीकरण  हेतु आवश्यक निर्देश एवं शुल्क विवरण

पंजीकरण प्रारूप के साथ *सामान्य या पिछड़ी जाति* के अभ्यर्थी को *रूपये 600/* का बैंक ड्रॉफ्ट *Bar Council of Uttar Pradesh, Allahabad* के नाम से तथा *रूपये 150/* का बैंक ड्रॉफ्ट *Bar Council of India Collection Fund Account, Allahabad* के नाम से तथा *अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति* के अभ्यर्थी को *रूपये 100/* का बैंक ड्रॉफ्ट *Bar Council of Uttar Pradesh, Allahabad*  के नाम से तथा *रूपये 25/* का बैंक ड्रॉफ्ट *Bar Council of India Collection Fund Account, Allahabad*  के नाम से देय होगा ।

फॉर्म जमा होने के पश्चात एक माह के भीतर सभी शैक्षणिक प्रमाण – पत्र/अंक –  पत्र सम्बन्धित बोर्ड व विश्वविद्यालय को सत्यापन हेतु प्रेषित कर दिया जाएगा ।

साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक को इस आशय के साथ पत्र भेजा जाएगा कि यदि किसी अभ्यर्थी के विरुद्ध कोई मुकदमा लम्बित है तो 45 दिन के अन्दर आख्या प्रेषित करें तथा जिन अभ्यर्थियों के विरुद्ध कोई मामला लम्बित नहीं है, उनके सम्बन्ध में किसी प्रकार की आख्या देने की आवश्यकता नहीं है । यदि 45 दिन के अन्दर सम्बंधित अभ्यर्थी के विरुद्ध कोई आख्या प्राप्त नहीं होती है तो यह मान लिया जायेगा कि उक्त अभ्यर्थी के विरुद्ध कोई मुकदमा पंजीकृत नहीं है ।

पुलिस वेरिफिकेशन व शैक्षणिक प्रमाण – पत्रों के सत्यापन के सत्यापन के पश्चात संबंधित लिपिक 15 दिवस के अंदर अपनी आख्या के साथ सभी पत्रावलियां सचिव, बार कौंसिल, उत्तर प्रदेश के सम्मुख काउंटर – साइन हेतु प्रेषित करेंगे ।

पंजीकरण विभाग के संबंधित कर्मचारी पत्रवाली प्राप्ति की दिनांक से 30 दिवस के भीतर पंजीकरण समिति के समक्ष उक्त पत्रावलियां प्रस्तुत करेंगे ।

सभी पंजीकरण समितियों से अपेक्षित है ऐसी पत्रावलियां जो उनके सम्मुख प्रस्तुत हों, उन्हें अपनी सुविधानुसार संबंधित प्रार्थीगण को व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए सचिव, बार कौंसिल ऑफ़ उत्तर प्रदेश को सूचित कर 03 सप्ताह के अंदर तिथि निश्चित करके बुलाएंगे, तदोपरान्त शीघ्र निर्णय लेंगे । यदि अभ्यर्थी साक्षात्कार में उत्तीर्ण नहीं होते हैं तो 03 माह बाद पुनः साक्षात्कार लिया जाएगा ।

इस समस्त प्रक्रिया के पश्चात अस्थायी पंजीकरण प्रदान किया जाएगा जो दो वर्ष हेतु वैध एवं मान्य होगा ।

दो वर्ष में प्रत्येक ऐसे अभ्यर्थी जिनका पंजीकरण हो चुका है, प्रत्येक वर्ष के 05 मुकदमें स्वयं दाखिल किए हुए या बहस किए हुए या सहायक के रूप में कार्य किए हुए, जिनमें उनका नाम आया हो, का विवरण प्रस्तुत करेंगे व इसी बीच ऑल इंडिया बार परीक्षा (AIBE) उत्तीर्ण करेंगे तत्पश्चात ही स्थायी पंजीकरण प्रदान किया जाएगा । अन्यथा की स्थिति में देश – प्रदेश के न्यायालयों को सूचना प्रेषित की जाएगी कि अमूक अभ्यर्थी का अस्थायी पंजीकरण समाप्त हो चुका है व स्थायी पंजीकरण प्रदान नहीं किया गया है । अतः अभ्यर्थी अधिवक्ता व्यवसाय करने योग्य नहीं है ।

स्थायी प्रमाण पत्र प्राप्त होने के बाद ही सर्टिफिकेट ऑफ़ प्रैक्टिस (सी. ओ. पी.) के लिए आवेदन मान्य होगा । और उस समय वांछित शुल्क लिया जायेगा ।

1. आवेदक/आवेदिका द्वारा अपना या अपने पिता/पति का वोटर कार्ड/आधार कार्ड फोटोयुक्त निवास प्रमाण पत्र की स्वप्रमाणित 2 सेट फोटो कॉपी दाखिल करें ।
2. 500 रूपये का सामान्य मुद्रांक पत्र (Non Judicial) जो उत्तर प्रदेश सरकार के पक्ष में जमा होगा, लगाना आवश्यक है, जो कि आवेदन अपने नाम से खरीदें ।
3. यदि विधि स्नातक प्रमाण पत्र प्राप्त न हुआ हो तो विधि स्नातक परीक्षा के अंतःकालीन (प्रोविजनल) मूल प्रमाण पत्र दाखिल करें ।
4. यदि हाईस्कूल का मूल प्रमाण पत्र उपलब्ध न हो तो किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणित परिणाम प्रदर्शित राजपत्र के उद्धरण, साथ में इस आशय का शपथ पत्र भी हो कि अमूक उद्धरण केवल आवेदन से ही संबंधित है ।
5. नोटरी द्वारा प्रमाणित शपथ – पत्र 10 रूपये के मुद्रण पत्र पर होनी चाहिए । शपथ पत्र का प्रारूप फॉर्म में अंकित है ।
6. पांच पासपोर्ट साइज के फोटो ग्राफ जो कोट टाई या बंद गले का कोट या शेरवानी में ही आवेदन पत्र में निर्धारित स्थान पर लगाकर आवेदन पत्र में दिए गए निर्देशानुसार किसी प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट/जज, बार कौंसिल ऑफ़ उत्तर प्रदेश के निर्वाचित सदस्य द्वारा प्रमाणित होने चाहिए ।
7. चरित्र प्रमाण पत्र किसी प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट/जज, बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के निर्वाचित सदस्य अथवा 10 वर्ष से अधिक अवधि के पंजीकृत अधिवक्ता द्वारा दिया जाना चाहिए ।
(अ) पूर्ण विवरण नाम, पदनाम का स्पष्ट उल्लेख करते हुए प्रमाण दिया जाए ।
(ब) यदि अधिवक्ता द्वारा चरित्र प्रमाणित किया जाता है तो उसका पंजीकरण संख्या तथा वे अभ्यर्थी के स्थायी निवास के निवासी होने चाहिए ।

8. आवेदक द्वारा अपना वैधानिक पहचान पत्र एवं पते के प्रमाण पत्र की स्वप्रमाणित छाया प्रति आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना अनिवार्य है ।
नोट – सभी मूल प्रमाण पत्रों की स्वप्रमाणित छाया प्रति के दो सेट एवं प्रोविजनल प्रमाण पत्र को ठीक से नत्थी करके कार्यालय में जमा करके रसीद प्राप्त कर लें ।

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